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नई दिल्ली: आरपी सेंटर ने ‘मधुमेह रेटिनोपैथी’ के लिए शुरू किया एआई का प्रयोग

नई दिल्ली: -दूरदराज के क्षेत्रों में ड्रोन के जरिये नेत्र चिकित्सा मुहैया कराने को लेकर हो रहा मंथन

नई दिल्ली, 7 मार्च : एम्स दिल्ली के डॉ राजेंद्र प्रसाद नेत्र विज्ञान केंद्र (आरपी सेंटर) ने एक ऐसा एआई एल्गोरिदम विकसित किया है। जिसकी मदद से ‘मधुमेह रेटिनोपैथी’ रोग की जांच और निदान तेजी से किए जा सकेंगे।

यह जानकारी आरपी सेंटर के 58वें स्थापना दिवस पर इसकी अध्यक्ष डॉ राधिका टंडन ने शुक्रवार को दी। उन्होंने कहा कि इस एल्गोरिदम को एम्स के सामुदायिक आउटरीच केंद्रों में परीक्षण के लिए तैनात करना शुरू कर दिया गया है। इसके साथ ही आर.पी. सेंटर के रेटिना विशेषज्ञों ने परीक्षण के पहले चरण के अध्ययन के तहत भारत में पहली बार स्वदेशी रूप से विकसित रेटिना पिगमेंट एपिथेलियम स्टेम कोशिकाओं को इंजेक्ट करना शुरू कर दिया है। स्टेम सेल बैंगलोर स्थित भारतीय स्टार्टअप आईस्टेम द्वारा विकसित किए गए हैं। डॉ टंडन ने बताया कि पिछले वर्ष (2024) आरपी सेंटर के बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) ने 603479 रोगियों की सेवा की जो 2023 की तुलना में 7% अधिक संख्या है। इन मरीजों में से 51935 इनडोर प्रवेश से संबंधित थे। इस दौरान कुल 51795 नेत्र शल्य चिकित्सा भी की गई।

आयुष्मान योजना के लाभार्थियों की संख्या में लगातार इजाफा
डॉ टंडन ने कहा, आयुष्मान भारत -प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी- पीएमजेएवाई ) के लाभार्थी रोगियों को समय पर और गुणवत्तापूर्ण उपचार मुहैया कराने के लिए आरपी सेंटर में एक आयुष्मान सुविधा केंद्र (एएसके) स्थापित किया गया है। जिससे आरपी केंद्र में इलाज पाने वाले पीएमजेएवाई लाभार्थियों की संख्या में पिछले छह महीनों में 35% की वृद्धि हुई है।

स्वास्थ्य सेवा वितरण में क्रांति ला रहा ड्रोन
डॉ टंडन ने कहा, ड्रोन, या मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी), स्वास्थ्य सेवा सहित विभिन्न उद्योगों को तेजी से बदल रहे हैं। ये स्वायत्त या दूर से संचालित विमान चिकित्सा आपात स्थिति, आपूर्ति श्रृंखला रसद और सार्वजनिक स्वास्थ्य पहलों में मूल्यवान उपकरण साबित हो रहे हैं। चिकित्सा आपूर्ति को तेजी से पहुंचाने, दूरदराज के क्षेत्रों तक पहुंच संभव बनाने और आपदा राहत प्रयासों में सहायता करने की ड्रोन की क्षमता स्वास्थ्य सेवा वितरण में क्रांति ला रही है और रोगी परिणामों में सुधार कर रही है।

नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में ड्रोन का उपयोग
डॉ टंडन ने कहा, आरपी सेंटर दूरदराज के क्षेत्रों में ड्रोन सेवा के जरिये नेत्र चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने को लेकर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के साथ मिलकर काम कर रहा है। चूंकि ड्रोन चिकित्सा रसद को बढ़ाकर, आपातकालीन प्रतिक्रिया में सुधार करके, टेलीमेडिसिन का विस्तार करके और सार्वजनिक स्वास्थ्य पहलों का समर्थन करके स्वास्थ्य सेवा में क्रांति ला रहे हैं। जैसे-जैसे तकनीक आगे बढ़ेगी उससे चिकित्सा सेवाएं अधिक कुशल, सुलभ और प्रभावी होंगी। रसद संबंधी बाधाओं को पार करके, ड्रोन जीवन बचाने और स्वास्थ्य सेवा के भविष्य को आकार देने में मदद कर रहे हैं।

सौ वर्षों तक सृष्टि देखें
डॉ टंडन ने कहा, “पश्येम शरदः शतम्” (हम इस दिव्य सृष्टि को सौ वर्षों तक देखें) के आदर्श वाक्य से प्रेरित होकर एम्स दिल्ली ने महाकुंभ में शिरकत की। इस दौरान उत्तर प्रदेश के पवित्र शहर प्रयागराज में 12 जनवरी से 26 फरवरी तक नेत्र कुंभ 2025 का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य रोकथाम योग्य अंधेपन को खत्म करना और मुफ्त नेत्र जांच, दवाइयां, चश्मे और सर्जरी प्रदान करके स्वस्थ जीवन को बढ़ावा देना है। नेत्र कुंभ में 500 से अधिक नेत्र रोग विशेषज्ञ और 1,000 ऑप्टोमेट्रिस्ट स्वैच्छिक रूप से शामिल हुए। इस दौरान हर दिन 5,000-8000 रोगियों को व्यापक नेत्र देखभाल सेवाएं प्रदान कीं।

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