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नई दिल्ली: आईएनएस तुशील ने रूस के कैलिनिनग्राद में किया जलावतरण

नई दिल्ली: -रूस और भारत के सहयोग से निर्मित फ्रिगेट में 26% भारतीय उपकरणों का किया गया प्रयोग

नई दिल्ली, 9 दिसम्बर : भारत से करीब 6,000 किलोमीटर दूर रूस के कैलिनिनग्राद शहर के जल क्षेत्र में आईएनएस तुशील ने सोमवार को जलावतरण किया। इसके साथ ही तुशील पश्चिमी नौसेना कमान के तहत भारतीय नौसेना के स्वार्ड आर्म, पश्चिमी बेड़े में शामिल हो गया है जो दुनिया में सबसे अधिक तकनीकी रूप से अपग्रेडेड फ्रिगेट है।

इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रूस और भारत के सहयोग से निर्मित नवीनतम मल्टी-रोल स्टील्थ-गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट तुशील को भारत की बढ़ती समुद्री ताकत का गौरवपूर्ण प्रमाण और भारत और रूस के बीच लंबे समय से चली आ रही दोस्ती में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा, यह दोस्ती साझा मूल्यों और आपसी विश्वास के साथ रणनीतिक विशेषाधिकार प्राप्त साझेदारी से जुड़ी है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के रक्षा संबंधी फैसलों के तहत दोनों देशों के बीच तकनीकी और परिचालन सहयोग लगातार नई ऊंचाइयों को छू रहा है। उन्होंने हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। ओमान की खाड़ी से लेकर अदन की खाड़ी तक, स्वेज से लेकर मलक्का तक और ऑस्ट्रेलिया से लेकर मेडागास्कर तक, भारतीय नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में एक शुद्ध सुरक्षा प्रदाता की आवश्यक भूमिका निभा रही है। राजनाथ सिंह ने कहा, भारत अपने मित्र देशों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करने में विश्वास करता है कि क्षेत्र में समुद्री व्यापार सुरक्षित और संरक्षित बना रहे, जिससे समुद्र के पार निर्बाध व्यापार को बढ़ावा मिले।

इस अवसर पर राजनाथ सिंह के अलावा रूसी उप रक्षा मंत्री अलेक्जेंडर वासिलीविच फोमिन, कैलिनिनग्राद के गवर्नर एलेक्सी सर्गेयेविच बेसप्रोज्वानिख, रूसी नौसेना के कमांडर-इन-चीफ एडमिरल अलेक्जेंडर एलेक्सेयेविच मोइसेयेव, रूस में भारत के राजदूत विनय कुमार, रूसी नौसेना के बाल्टिक फ्लीट के कमांडर वाइस एडमिरल व्लादिमीर वोरोब्योव, भारतीय और रूसी सरकारों, नौसेनाओं और उद्योगों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।

सात प्रकार के युद्धपोत
आम तौर पर युद्धपोत सात प्रमुख प्रकार के होते हैं जिनमें फ्रिगेट, विमान वाहक, विध्वंसक, कार्वेट, पनडुब्बी, क्रूजर जहाज और उभयचर आक्रमण जहाज शामिल हैं।

क्या है फ्रिगेट?
फ्रिगेट एक मध्यम आकार का युद्धपोत होता है, जिसे तेज गति और दिशा बदलने में सक्षम बनाया जाता है। इसका इस्तेमाल, अन्य जहाजों की रक्षा करने, उनका सामान लाने-जाने, और छोटी नौकाओं को पकड़ने के लिए किया जाता है। फ्रिगेट, युद्ध के लिए भारी नौसैनिक जहाजों के मुकाबले छोटा और तेज होता है।

तुशील का अर्थ?
इस जहाज का नाम, तुशील रखा गया है जिसका अर्थ होता है ‘रक्षक कवच’ और इसका शिखर ‘अभेद्य कवचम’ का प्रतिनिधित्व करता है। अपने आदर्श वाक्य ‘निर्भय, अभेद्य और बलशील’ के साथ, यह जहाज देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा तथा सुरक्षा के लिए भारतीय नौसेना की अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह न सिर्फ भारतीय नौसेना की बढ़ती क्षमताओं का प्रतीक है, बल्कि भारत-रूस साझेदारी की लचीली सहयोगी ताकत का भी प्रतीक है।

आईएनएस तुशील के बारे में ?
यह जहाज 125 मीटर लंबा, 3900 टन वजनी है. यह जहाज अपने घातक प्रहार के लिए जाना जाता है। यह उन्नत क्रिवाक III श्रेणी का सातवां जहाज है। भारतीय नौसेना विशेषज्ञों और सेवर्नॉय डिज़ाइन ब्यूरो के सहयोग से, जहाज की स्वदेशी सामग्री को 26% तक बढ़ाया गया है। यह सभी चार आयामों वायु, सतह, पानी के नीचे और विद्युत चुम्बकीय नौसैनिक युद्ध के स्पेक्ट्रम में नीले पानी के संचालन के लिए डिजाइन किया गया है। इसके निर्माण में भारतीय के ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, केलट्रॉन, टाटा टू नोवा इंटीग्रेटेड सिस्टम, एल्कोम मरीन, जॉनसन कंट्रोल्स इंडिया और कई अन्य शामिल रहे।

उन्नत हथियारों से लैस
आईएनएस तुशील कई उन्नत हथियारों से लैस है, जिनमें ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलें, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, उन्नत स्टील्थ सुविधाओं के साथ उन्नत मध्यम दूरी की एंटी-एयर और सतह गन, ऑप्टिकली नियंत्रित क्लोज-रेंज रैपिड फायर गन सिस्टम, एंटी-सबमरीन टॉरपीडो और रॉकेट और उन्नत इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और संचार सूट शामिल हैं।

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