
नई दिल्ली, 22 जनवरी : आज हमारा देश जब विकसित भारत के पथ पर अग्रसर है तो ऐसे में हमें 2 चीजों की जरूरत है। आर्थिक समृद्धि और सुरक्षा। यह दोनों शक्तिशाली और आत्मनिर्भर भारतीय नौसेना की जरूरतों की पूरक है। यह बातें नौसेना के वाइस एडमिरल विनीत मकार्टी ने बुधवार को कोटा हाउस में कहीं।
उन्होंने कहा, एक तरफ भारतीय नौसेना ताकत का स्रोत बन कर भारत को समुद्री सुरक्षा प्रदान कर रही है। वहीं दूसरी ओर आत्मनिर्भर नौसेना देश की आर्थिक समृद्धि में महत्वपूर्ण एवं बड़ा योगदान दे रही है। वाइस एडमिरल मकार्टी ने बीते 15 जनवरी को नौसेना के तीन बड़े प्लैटफॉर्म राष्ट्र को समर्पित करते वक्त पीएम मोदी के वक्तव्य को उद्धृत करते हुए कहा कि शिपबिल्डिंग में जितना निवेश किया जाए उसका दोगुना सकारात्मक प्रभाव अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। जब हम शिपबिल्डिंग में एक रुपया लगाते हैं तो इकॉनमी में लगभग 1 रुपये 82 पैसों का सर्कुलेशन होता है।
वाइस एडमिरल विनीत मकार्टी ने आगे कहा, अगर रोजगार की बात करें तो, शिपबिल्डिंग इंडस्ट्री में छह गुना गुणक प्रभाव होता है। इसका मतलब है कि यदि किसी शिपयार्ड में दो हजार लोगों को शिप निर्माण के लिए रोजगार दिया जाता है, तो लगभग 12 हजार लोगों को एमएसएमई इंडस्ट्री में रोजगार मिलता है। ये एक बड़ा लाभांश है। आज हमारा देश समुद्री परिप्रेक्ष्य को स्वीकार कर के नीतियों पर कार्यान्वयन कर रहा है। ये आज का नया सच है। उन्होंने कहा, देश में 15 हजार करोड़ रुपये की लागत से युद्धपोत विकसित किए जा रहे हैं जिनसे भारतीय अर्थव्यवस्था में करीब 30 हजार करोड़ रुपये का सर्कुलेशन होगा। हालांकि, इनमें से तीन युद्धपोत हाल ही में नौसेना में शामिल हो चुके हैं। कुछ अगले महीनों में आने वाले हैं।