दिल्लीभारत

मास कैजुअल्टी मैनेजमेंट के लिए डब्ल्यूएचओ अकादमी दे रही प्रशिक्षण

- डब्ल्यूएचओ-इंडिया और स्वास्थ्य मंत्रालय के आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ ने शुरू किया 5 दिवसीय कोर्स

नई दिल्ली, 1 अक्तूबर : प्राकृतिक आपदा से लेकर मानव निर्मित दुष्कर परिस्थितियों से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने मास कैजुअल्टी मैनेजमेंट कार्यक्रम की शुरुआत की है।

यह एक पांच दिवसीय कोर्स है जिसके तहत एम्स दिल्ली के ट्रॉमा सेंटर में तैनात फ्रंटलाइन हेल्थ केयर स्टाफ (डॉक्टर, नर्स, लॉजिस्टिक्स सपोर्ट स्टाॅफ, प्रबंधन और तकनीशियनों) को भूकंप, बाढ़, अग्निकांड और बड़े आतंकी हमले की स्थिति से निपटने का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। यह कार्यक्रम भारत में पहली बार शुरू किया गया है जिसमें एम्स दिल्ली, एम्स जोधपुर, एम्स पटना और एम्स जम्मू के विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं। इस अकर्यक्रम को डब्ल्यूएचओ अकादमी, डब्ल्यूएचओ-इंडिया और स्वास्थ्य मंत्रालय के आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के माध्यम से आयोजित किया जा रहा है।

इस संबंध में एम्स ट्रॉमा सेंटर के प्रमुख प्रो कामरान फारूक ने बताया कि डब्ल्यूएचओ ने मास कैजुअल्टी केस का पेटेंट कराया है। यह पेटेंटेड मास कैजुअल्टी कोर्स है, जो मास कैजुअल्टी जैसी स्थिति के दौरान उपयोगी होगा। अस्पताल के आपातकालीन विभाग को मास कैजुअल्टी को संभालना पड़ता है, ताकि अधिकतम लोगों की जान बचाई जा सके। इस कार्यक्रम को प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण (टीओटी) नाम दिया गया है जिसे संपन्न करने वाली टीम के पास सोमालिया और इराक समेत कई अन्य देशों में काम करने का अनुभव प्राप्त है।

डॉ फारूक ने कहा हमारा विजन है कि एम्स ट्रॉमा सेंटर में प्रशिक्षित होने वाले फैकल्टी पूरे देश के अस्पतालों और मेडिकल संस्थानों में प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। यह कोर्स पांच दिनों का होगा, जिसमें तीन दिन थ्योरी के लिए और दो दिन प्रैक्टिकल के लिए होंगे। एम्स के फैकल्टी भी इसमें भाग ले रहे हैं। मास कैजुअल्टी मैनेजमेंट कोर्स के ईएमआरओ डॉ हेराल्ड वीन ने कहा कि हर उस मरीज को उपचार देना संभव नहीं है, जिसकी जान जाने का खतरा है। यह सामूहिक हताहतों की असाधारण स्थितियों के लिए है। सामूहिक हताहतों जैसी स्थितियों के दौरान यह विकल्प चुनना पड़ता है कि उपलब्ध संसाधनों का उपयोग कैसे किया जाए, जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है।

सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षक उपलब्ध कराना टीओटी का उद्देश्य
डॉ फारूक के मुताबिक हम भारत में एक अभिनव प्रणाली शुरू करने और सामूहिक हताहत प्रबंधन के क्षेत्र में नेतृत्व करने को लेकर उत्साहित हैं। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य अस्पताल को सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षक उपलब्ध कराने में सक्षम बनाना है। खासकर गंभीर दुर्घटना के दौरान, जब एक ही समय में बहुत से लोगों का इलाज किया जाना वांछित हो। इस अवसर पर केंट और कैंटरबरी अस्पताल, यूके के कंसल्टेंट ऑर्थोपेडिक सर्जन और मेडिकल डायरेक्टर डॉ अली मेहदी ने कहा कि अगर इस प्रशिक्षण के माध्यम से एक भी व्यक्ति की जान बचा पाने में सफलता मिलती है तो यह बड़ी उपलब्धि होगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button