KP Sharma Oli : 10 साल में 4 बार नेपाल के पीएम, भारत विरोध और चालबाजी ने छीनी सत्ता
KP Sharma Oli : नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली 10 साल में 4 बार सत्ता में आए, लेकिन हर बार विवादों, भारत विरोध और राजनीतिक चालबाजी के कारण कुर्सी गंवानी पड़ी। जानें उनकी पूरी राजनीतिक यात्रा और इस्तीफे की वजह।

KP Sharma Oli : नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली 10 साल में 4 बार सत्ता में आए, लेकिन हर बार विवादों, भारत विरोध और राजनीतिक चालबाजी के कारण कुर्सी गंवानी पड़ी। जानें उनकी पूरी राजनीतिक यात्रा और इस्तीफे की वजह।
नेपाल की राजनीति में फिर बदलाव
नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता का दौर जारी है। बीते 14 सालों में देश ने 17 सरकारें बदलते देखी हैं। इसी अस्थिरता के बीच KP Sharma Oli ने 10 साल में चार बार प्रधानमंत्री पद हासिल किया। लेकिन जिस ताकत के दम पर वे सत्ता में आए, उसी ताकत ने उन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया।
KP Sharma Oli पहली बार प्रधानमंत्री (अक्टूबर 2015 – अगस्त 2016)
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नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी–लेनिनवादी) से राजनीतिक सफर की शुरुआत।
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अक्टूबर 2015 में पहली बार प्रधानमंत्री बने।
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भारत विरोधी राष्ट्रवाद और चीन से नजदीकी का एजेंडा अपनाया।
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मधेसी आंदोलन और भारत–नेपाल रिश्तों में तनाव ने उनकी कुर्सी छीन ली।
KP Sharma Oli दूसरी बार प्रधानमंत्री (फरवरी 2018 – मई 2021)
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नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी बहुमत से सत्ता में लौटी।
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भारत के खिलाफ नया नक्शा जारी कर विवाद खड़ा किया।
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पार्टी गुटबाजी, सुप्रीम कोर्ट के फैसले और संसद भंग की कोशिशों के चलते पद गंवाना पड़ा।
KP Sharma Oli तीसरी बार प्रधानमंत्री (जुलाई 2021 – जुलाई 2021)
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सुप्रीम कोर्ट के आदेश से कुछ दिनों के लिए पीएम बने।
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गठबंधन बनने के बाद पद छोड़ना पड़ा।
चौथी बार प्रधानमंत्री (जुलाई 2024 – सितंबर 2025)
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नेपाली कांग्रेस के समर्थन से चौथी बार पीएम बने।
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जनता का समर्थन नहीं, बल्कि राजनीतिक समीकरण से सत्ता में आए।
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युवाओं के नेतृत्व वाले जनआंदोलन ने कुर्सी से हटा दिया।
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खबरें हैं कि ओली अब देश छोड़कर भाग गए।
ओली की राजनीति और एजेंडा
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हर बार सत्ता में लौटने के लिए राष्ट्रवाद और चीन–भारत समीकरण का इस्तेमाल।
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कभी माओवादी, कभी कांग्रेस और कभी छोटे दलों से गठबंधन कर सत्ता हासिल की।
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भारत विरोध, नक्शा विवाद, भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग के आरोप हमेशा जुड़े रहे।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
ब्रह्मा चेलानी
“नेपाल की राजनीति के सबसे चतुर खिलाड़ी ओली भी जनता के गुस्से से हार गए। युवाओं के आंदोलन ने साबित कर दिया कि सड़कों का जनविरोध किसी भी नेता की ताकत से बड़ा होता है।”
सुशांत सरीन
“ओली ने जिंदगी भर चालबाजी और भारत विरोध की राजनीति की। जनता भूखी और बेरोजगार रही। आखिरकार गुस्सा सड़कों पर फूटा और सबकुछ खत्म कर दिया।”
KP Sharma Oli की सत्ता से विदाई यह दिखाती है कि नेपाल में लोकतंत्र तो आया, लेकिन स्थिरता नहीं। ओली का जाना किसी अंत का संकेत नहीं बल्कि नेपाल की लगातार बनी रहने वाली राजनीतिक अस्थिरता की एक और कड़ी है।