किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए हाई पावर कमेटी की हुई बैठक
किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए हाई पावर कमेटी की हुई बैठक

अमर सैनी
नोएडा। कई वर्षों से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर बनी हाई पावर कमेटी कि आज गौतम बुद्ध नगर जिला कलेक्ट्रेट में किसान नेताओं के साथ बैठक हो रही है। इस बैठक में किसानों की विभिन्न मांगों पर गंभीरता से विचार-विमर्श किया गया। बैठक में जिले के सभी किसान संगठनों के अध्यक्ष व प्रतिनिधि शामिल हुए।
भारतीय किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर खलीफा ने बताया कि सीएम के आदेश पर गठित कमेटी को 3 महीने में सरकार को रिपोर्ट देनी है। उन्होंने बताया कि किसानों की मांग है कि अधिगृहीत भूमि के सापेक्ष 10 फीसदी विकसित भूमि देने, किसानों की आबादी का पूर्ण निस्तारण कर रेवेन्यू रिकॉर्ड से प्राधिकरण का नाम निरस्त कर काश्तकार के नाम अंकित किए जाने, आबादी विनियमावली 2011 की अंतर्गत 450 वर्ग मीटर की सीमा को एक हजार प्रति वर्ग मीटर की जाए, अधिग्रहित जमीन के एवज में मिलने वाले प्लाट को कमर्शियल घोषित किया जाए। पुश्तैनी और गैर पुश्तैनी के भेद को खत्म किया जाए। आबादी की समस्या को खत्म किया जाए। साथ ही गांव में निर्माणाधीन किसानों के घरों पर भवन नियमावली न लागू करने, पांच फीसदी की विकसित भूखंड पर पूर्व में संचालित कॉमर्शियल गतिविधि करने की नीतिगत अनुमति देने की मांग शामिल है।सुखबीर खलीफा ने बताया कि आज की बैठक किसानों के हित में सार्थक रही। किसान नेता सुखबीर खलीफा और डॉक्टर रुपेश वर्मा ने बताया कि आज की बैठक किसानों के हित में सार्थक रही। बैठक में किसानों की समस्या के समाधान के लिए बनाई गई हाई पावर कमेटी की बैठक उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद के अध्यक्ष डॉ. रजनीश दुबे की अध्यक्षता में शुरू हुई। बैठक में कमेटी के सदस्य मेरठ कमिश्नर श्रीमती सेल्वा कुमारी जे, डीएम मनीष कुमार वर्मा, नोएडा सीईओ लोकेश एम, एडीएम नितिन मदान, तीनों प्राधिकरण के ओएसडी किसान नेता उदल यादव, राजेंद्र, कुंवर पाल प्रधान, सुनील फौजी, सचिन अवाना, एडवोकेट जगबीर सिंह, प्रेमपाल चौहान, वीरेंद्र चौहान, वीर सिंह नागर, जगबीर नंबरदार, गवरी मुखिया, बिजेंद्र नागर, अजब सिंह नेता, सुरेश यादव, निशांत रावल, अजय पाल भाटी, सुधीर रावल, सचिन एडवोकेट सहित कई संगठनों के किसान नेता मौजूद रहे।