खराब जीवनशैली और आहार कर रहे सेहत पर गंभीर प्रहार
-बुजुर्गों व युवाओं संग स्कूली बच्चे भी हो रहे अवसाद और तनाव का शिकार
नई दिल्ली, 7 अप्रैल (टॉप स्टोरी न्यूज़ नेटवर्क): काला मोतिया, गठिया, अवसाद, तनाव, नींद की कमी और मोटापा जैसे विकार आजकल बुजुर्गों के साथ युवाओं और बच्चों में भी पाए जा रहे हैं, जिसके पीछे खान -पान की गलत आदतें और जीवनशैली में बदलाव प्रमुख कारण है। यदि प्रतिदिन महज आधा घंटा योग किया जाए तो उक्त रोगों से निजात पाया जा सकता है। यह दावा एम्स दिल्ली के एनाटोमी विभाग की प्रोफेसर डॉ रीमा दादा ने किया रविवार को विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर किया। डॉ दादा ने कहा 70 -80 साल की उम्र में होने वाले रोग आजकल 35-40 वर्ष की आयु में हो रहे हैं जिसे दैनिक योग से नियंत्रित किया जा सकता है। यह बच्चों के लिए भी बहुत फायदेमंद है।
उन्होंने कहा कि आजकल लोग घर पर बने खाने की बजाय बाजार के खाने को ज्यादा महत्व दे रहे हैं जिससे बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। लोग ज्यादातर बाजार में बना खाना (पिज्जा, बर्गर, चिकन आदि) और कार्बोनेटेड ड्रिंक आर्डर कर देते हैं। जिसके सेवन से उनके शरीर में नमक, चीनी और ट्रांस फैट की मात्रा ज्यादा हो जाती है और उससे विभिन्न रोग पैदा हो जाते हैं। इसके चलते उनमें काला मोतिया, गठिया, अवसाद, तनाव, नींद की कमी, याददाश्त की कमी और मोटापा जैसे विकार पैदा हो रहे हैं। यही नहीं पुरुषों में अनएक्सप्लेंड मेल इनफर्टिलिटी (यूएमआई) और महिलाओं में पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) जैसे रोग भी बढ़ रहे हैं। जो पुरुषों में कमजोर शुक्राणु होने या बांझपन के लिए और महिलाओं में अंडाशय पर सिस्ट बनने, चेहरे पर अनचाहे बाल आने और वजन बढ़ने जैसी समस्याओं के लिए जिम्मेदार हैं।
डॉ रीमा दादा ने कहा, उक्त तमाम रोगों के उपचार में योग (ध्यान, आसन और प्राणायाम) काफी प्रभावी है। इस संबंध में एम्स दिल्ली ने गहन शोध किया है जिसके मुताबिक रोजाना दिन में 25 से 30 मिनट योग करने से पुरुषों के शुक्राणुओं की गुणवत्ता में सुधार आने के साथ आनुवंशिक रोग की आशंकाएं कम हो जाती है। वहीं, महिला संबंधी रोगों में राहत मिलती है। योग के दैनिक अभ्यास से बीडीएनएफ, डीएचए, सेरोटोनिन, मेलाटोनिन जैसे प्रोटीन और हार्मोन बढ़ते हैं जो बच्चे, बड़े और बुजुर्ग के सीखने, समझने और याद करने की क्षमता में इजाफा करते हैं। मूड अच्छा बनाते हैं। खुश रखते हैं। साथ ही बॉडी क्लॉक या आंतरिक घड़ी में सुधार लाते हैं और नींद न आने की समस्या को भी दूर करते हैं। योग से बच्चों का मानसिक व शारीरिक विकास भी ज्यादा अच्छा होता है।