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केंद्र सरकार ने 156 दवाओं के निर्माण व बिक्री पर लगाई रोक

- डीटीएबी ने एफडीसी दवाओं को मानव स्वास्थ्य के लिए बताया खतरनाक

नई दिल्ली, 23 अगस्त : केंद्र सरकार ने जनता के स्वास्थ्य की रक्षा के मद्देनजर सर्दी, जुकाम, बुखार, दर्द और एलर्जी के लिए इस्तेमाल की जाने वाली 156 फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (एफडीसी) दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। इन्हें कॉकटेल दवाएं भी कहा जाता है।

सरकार ने एफडीसी दवाओं पर प्रतिबंध लगाते हुए कहा कि ये दवाएं मानव के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं। एफडीसी ऐसी दवाइयां होती हैं जो दो या उससे ज्यादा दवाओं को मिलाकर एक ही खुराक में बनाई जाती हैं। इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने वीरवार को एक गजट अधिसूचना जारी की, जिसमें 324 एफडीसी का मूल्यांकन करने वाले एक विशेषज्ञ पैनल की सिफारिश के आधार पर 156 दवाओं के निर्माण, बिक्री और वितरण पर रोक लगा दी गई।इन दवाओं में एंटीबायोटिक, एंटीएलर्जिक, दर्द निवारक, मल्टीविटामिन एवं बुखार और उच्च रक्तचाप के उपचार के लिए संयुक्त खुराक शामिल हैं।

औषधि तकनीकी सलाहकार बोर्ड (डीटीएबी) और केंद्र सरकार द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के बाद सामने आई प्रतिबंधित दवा सूची में मेफेनामिक एसिड और पेरासिटामोल इंजेक्शन का संयोजन शामिल है, जिसका उपयोग विभिन्न स्थितियों में दर्द और सूजन को कम करने के लिए किया जाता है, और ओमेप्राजोल मैग्नीशियम और डायसाइक्लोमाइन एचसीएल की संयुक्त खुराक, जिसका उपयोग पेट दर्द के इलाज के लिए किया जाता है। एफडीसी दवाओं समीक्षा के बाद पाया गया कि ये दवाएं स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा करती हैं। इससे पहले वर्ष 2016 में 344 एफडीसी पर प्रतिबंध लगाया गया था।

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