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नए साल से बाल चिकित्सालय में शुरू होगा दूध बैंक

नए साल से बाल चिकित्सालय में शुरू होगा दूध बैंक

अमर सैनी

नोएडा। बाल चिकित्सालय एवं परास्नातक संस्थान (चाइल्ड पीजीआई) में जनवरी से दूध बैंक शुरू हो जाएगा। फिलहाल दूध बैंक की प्राथमिक सुविधा लैक्टेशन यूनिट संचालित की जा रही है। दूध बैंक की स्थापना से जुड़े सुषेणा हेल्थ फाउंडेशन और धात्री मिल्क बैंक के प्रतिनिधि एक सप्ताह में अस्पताल का दौरा करेंगे। इसी साल मार्च में बाल चिकित्सालय प्रबंधन, सुषेणा हेल्थ फाउंडेशन और धात्री मिल्क बैंक के बीच दूध बैंक शुरू करने के लिए करार हुआ था।

करार के मुताबिक पहले छह महीने तक लैक्टेशन यूनिट संचालित की जाएगी। इसके बाद दूध बैंक शुरू हो जाएगा। लैक्टेशन यूनिट तीन महीने से चल रही है। इसलिए तीन महीने बाद दूध बैंक शुरू हो जाएगा। अगले सप्ताह दोनों संस्थाओं की टीम फिर से अस्पताल का दौरा करेगी। दोनों संस्थाओं की ओर से सभी सुविधाएं और तकनीकी प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। चाइल्ड पीजीआई निदेशक डॉ. एके सिंह ने बताया कि दूध बैंक शुरू करने की तैयारियां चल रही हैं। लैक्टेशन यूनिट पहले से चल रही है। दोनों संस्थाओं के प्रतिनिधियों के दौरे के बाद कई तकनीकी पहलुओं की जानकारी हासिल की जाएगी। साथ ही सुविधाओं को लेकर भी चर्चा होगी। दो-तीन महीने में मिल्क बैंक शुरू होने की उम्मीद है।

50 फीसदी नवजातों को नहीं मिलता मां का दूध

नवजात बच्चों के लिए मां का दूध बेहद जरूरी है। चाइल्ड पीजीआई नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट की प्रमुख डॉ. रुचि राय का कहना है कि कई सर्वे और शोध के मुताबिक 50 फीसदी बच्चों को लगातार छह महीने तक मां का दूध नहीं मिल पाता है। ऐसे में उनका विकास प्रभावित होता है। साथ ही कई बीमारियां भी उन्हें अपनी चपेट में ले सकती हैं। इसलिए मिल्क बैंक बनने से ऐसे बच्चों को मां का दूध मिल सकेगा, जिससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी। जो बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए भी बेहद जरूरी है।

पूरी तरह सुरक्षित होगा मां का दूध

मां द्वारा दान किया जाने वाला दूध पूरी तरह सुरक्षित होगा। इसके लिए अस्पताल में अत्याधुनिक मशीनें लगाई जाएंगी। दूध दान करने वाली महिलाओं के स्वास्थ्य की पहले जांच की जाएगी। स्वस्थ होने के बाद ही दूध लिया जाएगा। इसे खराब होने से बचाने के लिए माइनस 20 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर रखा जाएगा। इस प्रक्रिया के तहत दूध 6 महीने तक खराब नहीं होगा। स्तनपान इकाई में माताओं को बच्चों को स्तनपान के लिए प्रेरित करने, दूध पिलाने के तरीके, इसके फायदे समेत विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी जा रही है। 2023 में भी बाल चिकित्सालय ने मिल्क बैंक शुरू करने की कोशिश की थी, लेकिन यह काम पूरी तरह आगे नहीं बढ़ सका।

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