I Love Muhammad बोर्ड पर FIR का सुन्नी बरेलवी मरकज से विरोध, फरमान मियां ने की मुकदमे वापसी की मांग
कानपुर में 'I Love Muhammad' बोर्ड लगाने वाले 25 मुस्लिम युवकों पर दर्ज FIR का सुन्नी बरेलवी मरकज ने विरोध किया। जमात रजा-ए-मुस्तफा के राष्ट्रीय महासचिव फरमान मियां ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन बताया और मुकदमे वापसी की मांग की।

कानपुर में ‘I Love Muhammad’ बोर्ड लगाने वाले 25 मुस्लिम युवकों पर दर्ज FIR का सुन्नी बरेलवी मरकज ने विरोध किया। जमात रजा-ए-मुस्तफा के राष्ट्रीय महासचिव फरमान मियां ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन बताया और मुकदमे वापसी की मांग की।
I Love Muhammad: कानपुर में FIR से बरेलवी मरकज नाराज
कानपुर में ‘I Love Muhammad’ लिखा बोर्ड लगाने पर 25 मुस्लिम युवकों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी ने विवाद खड़ा कर दिया है। इस कार्रवाई का सुन्नी बरेलवी मरकज ने कड़ा विरोध किया है।
दरगाह आला हजरत के प्रमुख संगठन जमात रजा-ए-मुस्तफा के राष्ट्रीय महासचिव फरमान हसन खान (फरमान मियां) ने कहा कि यह कदम भारतीय संविधान के मूल अधिकारों का उल्लंघन है।
फरमान मियां का बयान
फरमान मियां ने स्पष्ट कहा कि “‘I Love Muhammad’ लिखना कोई अपराध नहीं है। यह केवल व्यक्तिगत आस्था और सम्मान की अभिव्यक्ति है।”
उन्होंने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) का हवाला देते हुए कहा कि हर नागरिक को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्राप्त है और पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब से प्रेम जताना इसी अधिकार का हिस्सा है।
I Love Muhammad: धार्मिक स्वतंत्रता पर जोर
फरमान मियां ने कहा कि—
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अनुच्छेद 25 हर व्यक्ति को अपने धर्म का पालन और प्रचार करने की स्वतंत्रता देता है।
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अनुच्छेद 21 नागरिक को जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार प्रदान करता है।
उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट कई बार यह स्पष्ट कर चुका है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता लोकतंत्र की आत्मा है, ऐसे में इस तरह की कार्रवाई अनुचित है।
I Love Muhammad: मुकदमे वापसी की मांग
जमात रजा-ए-मुस्तफा ने प्रशासन से मांग की है कि निर्दोष युवकों पर दर्ज मुकदमे तत्काल प्रभाव से वापस लिए जाएं। साथ ही धार्मिक स्वतंत्रता और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित की जाए।
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