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जिला अस्पताल में स्क्रब टाइफस की जांच शुरू

जिला अस्पताल में स्क्रब टाइफस की जांच शुरू

अमर सैनी

नोएडा। जिला अस्पताल में पहली बार स्क्रब टाइफस की जांच शुरू हो गई है। मलेरिया विभाग ने अस्पताल में इसकी जांच के लिए संसाधन उपलब्ध करा दिए हैं।

जिला अस्पताल के पैथोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. एचएम लवानिया ने बताया कि यह बीमारी बैक्टीरिया से संक्रमित पिस्सू के काटने से होती है, जो झाड़ियों में रहने वाले चूहों में पाया जाता है। इसके काटने से व्यक्ति संक्रमित हो जाता है। जिला अस्पताल में इस साल पहली बार स्क्रब टाइफस की जांच शुरू की गई है। इस बीमारी के लक्षण डेंगू या टाइफाइड जैसे होते हैं। जिले में हर साल इस बीमारी के 8-10 मरीज मिलते हैं, जिन्हें गंभीर हालत में अस्पताल लाया जाता है। निजी अस्पतालों में इसकी जांच की सुविधा है। स्क्रब टाइफस संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले चीन, भारत, जापान, उत्तरी ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण पूर्व एशिया में पाए जाते हैं।

बीमारी के लक्षण
बैक्टीरिया से होने वाली इस बीमारी के लक्षण पिस्सू के काटने के 10 दिन बाद दिखने लगते हैं। स्क्रब टाइफस से संक्रमित व्यक्ति को बुखार और ठंड लगती है। इसके अलावा सिर दर्द और बदन दर्द के साथ मांसपेशियों में भी तेज दर्द होता है। अगर संक्रमण गंभीर है तो हाथ, पैर, गर्दन और कूल्हों के नीचे गांठें बन जाती हैं। सोचने-समझने की क्षमता कम होने लगती है। कई बार शरीर पर चकत्ते भी पड़ सकते हैं।

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