स्वास्थ्य

ISRO प्रमुख सोमनाथ इस कैंसर से पीड़ित थे और जानते थे कि कब से क्या करना चाहिए ताकि बीमारी ठीक हो जाए

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चीफ एस सोमनाथ Aditya-L1 के लॉन्च के दौरान पेट के कैंसर का पता चला. रिपोर्ट के मुताबिक ‘चंद्रयान-3 मिशन लॉन्च के दौरान कुछ स्वास्थ्य समस्याएं थीं. सोमनाथ को जब कैंसर का पता चला था तब उनके परिवार को बड़ा झटका लगा. पेट के कैंसर का पता चलते ही लगातार स्कैन किया गया. सोमनाथ बीमारी का पता चलते ही उन्होंने ऑपरेशन करवाया है. ऑपरेशन के बाद कीमोथेरेपी हुई. कैंसर की बीमारी का अगर वक्त रहते पता चल जाए तो इसका इलाज संभव है.

पेट का कैंसर तब होता है, जब पेट की परत के अंदर कैंसर की कोशिकाएं बढ़ने लगती हैं. इसे गैस्ट्रिक कैंसर के रूप में भी जाना जाता है. समय पर इसकी पहचान करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि अधिकांश लोगों को शुरुआती अवस्था में इसके लक्षण नहीं दिखते हैं. अधिकतर मामलों मं पेट के कैंसर का लक्षण गंभीर या फिर लास्ट स्टेज में दिखता है.

पेट के कैंसर को बढ़ने में आमतौर पर सालों लग जाते हैं. शुरुआती अवस्था में पेट के कैंसर के लक्षण लगभग न के बराबर नजर आते हैं. धीरे-धीरे आपको इसके कुछ लक्षण नजर आने लगते हैं. ऐसे में समय तरह पेट के लक्षणों को पहचानकर इसका इलाज कराना जरूरी है. आइए जानते हैं शुरुआती अवस्था में पेट के कैंसर का लक्षण क्या हो सकता है?

पेट में कैंसर के लक्षण

पेट के कैंसर से जूझ रहे मरीजों को शुरुआती अवस्था में उल्टी और मतली जैसा महसूस हो सकता है. अगर आपको लगातार इस तरह की परेशानी हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

पेट में ब्लोटिंग की शिकायत लंबे समय तक रहना भी पेट के कैंसर की ओर इशारा कर सकता है.

पेट के कैंसर की वजह से सीने में दर्द और जलन की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

कम खाने के बावजूद पेट काफी भरा-भरा रहना भी पेट के कैंसर की ओर इशारा करता है.

पेट में अगर इंफेक्शन की परेशानी या कैंसर की समस्या होती है, तो व्यक्ति को बुखार जैसा अनुभव होने लगता है.

पेट के कैंसर से जूझ रहे मरीजों को पेट में दर्द की समस्यओं  से भी सामना करना पड़ सकता है.

मल से खून आना भी पेट में कैंसर का कारण हो सकता है. इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

डायरिया और कब्ज की समस्या लंबे समय तक रहने का कारण पेट का कैंसर हो सकता है.

पेट के कैंसर से जूझ रहे मरीज का रेड ब्लड सेल्स काफी कम होने लगता है.

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