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मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में हरियाणा विकास की राह पर अग्रसर – लोकसभा अध्यक्ष
लोकसभा अध्यक्ष ने हरियाणा विधानसभा सदस्यों के लिए आयोजित दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम का किया उद्घाटन
प्रीति कंबोज
चंडीगढ़, 14 फरवरी – लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में हरियाणा लगातार विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। चाहे ढांचागत विकास की बात हो, सामाजिक व आर्थिक परिदृश्य की बात हो, आज हर क्षेत्र में हरियाणा प्रगति कर रहा है।
लोकसभा अध्यक्ष आज यहां हरियाणा विधानसभा में संसदीय लोकतंत्र शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान (प्राइड) लोकसभा के सहयोग से हरियाणा विधान सभा के सदस्यों के लिए आयोजित दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी, विधानसभा अध्यक्ष श्री हरविन्द्र कल्याण, पंजाब विधानसभा अध्यक्ष सरदार कुलतार सिंह संधवां, उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष श्री सतीश महाना, हरियाणा विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ कृष्ण लाल मिड्ढा, विधानसभा सदस्य श्री बी.बी. बत्रा उपस्थित रहे।
श्री ओम बिरला ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी को दोनों लोकतांत्रिक संस्थाओं – लोकसभा व विधानसभा का लंबा अनुभव है, और वे अपने अनुभव से हरियाणा विधानसभा को संसद की मर्यादा के अनुरूप चलाने में मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि हरियाणा की अपनी सांस्कृतिक, आध्यात्मिक विरासत के साथ-साथ खिलाड़ियों, स्वतंत्रता सेनानियों और वीरता का गौरवशाली इतिहास रहा है। छोटा सा राज्य होने के बावजूद भी हरियाणा ने सदैव देश दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। हरियाणा की धरा से ही भगवान श्री कृष्ण ने कर्म का संदेश दिया था। हरियाणा विधानसभा की भी एक विरासत रही है और विरासत के साथ विकास का जो मॉडल प्रस्तुत किया है, वह अन्य राज्यों को दिशा देता है। विकास की इस यात्रा में विधायकों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
उन्होंने कहा कि जनता ने भरोसे और विश्वास के साथ विधायकों को सदन में चुनकर भेजा है और यह खुशी की बात है कि 40 विधायक पहली बार चुनकर हरियाणा विधानसभा के सदस्य बने हैं। विधायकों पर जनता की अपेक्षाओं व आकांक्षाओं को पूरा करने का दायित्व होता है। उन्होंने कहा कि विधानसभा सदस्य के रूप में विधायक केवल एक निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व ही नहीं करते, बल्कि वे पूरे राज्य का नेतृत्व करते हैं।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि एक प्रभावी कानून बनाते समय पिछले सत्रों में हुई चर्चा, संवाद और डिबेट का भी अध्ययन करने की आवश्यकता है। इसलिए यह प्रयास किया जा रहा है कि पिछली विधानसभा में कानून बनाते समय नीति निर्माण, योजनाओं के समय जो भी चर्चाएं, संवाद हुआ है, उनका एक डिजिटल रिकॉर्ड रखा जाए। सभी राज्यों की विधानसभाओं का यह डिजिटल रिकॉर्ड एक प्लेटफार्म पर उपलब्ध होगा, जिसका सभी सदस्य अध्ययन कर सकते हैं और अपने सार्थक सुझाव दे सकते हैं।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि लेजिस्लेटिव ड्राफ्ट बनाते समय सदस्यों के सकारात्मक सुझाव होने चाहिएं। कई बार ड्राफ्ट में कमी रहने के कारण सरकार की कार्यप्रणाली और जनता पर इसका प्रभाव पड़ता है, इसलिए ये प्रारूप सदस्यों को परिचालित होने चाहिए, ताकि सदस्यों के अनुभव से उसे और बेहतर बनाया जा सके।
श्री ओम बिरला ने कहा कि राज्य की विधानसभाओं में नीति निर्माण, योजनाओं पर व्यापक समीक्षा होनी चाहिए। राज्य के मुद्दों का अध्ययन होना चाहिए। निर्वाचन क्षेत्र और राज्य के मुद्दों को जितना प्रभावी ढंग से विधानसभा में उठाया जा सकता है, उतना ही सकारात्मक परिवर्तन आएगा। चाहे संसद हो या विधानसभा, ये लोकतांत्रिक संस्थाएं एक ऐसा मंच है, जिससे सरकार को हर क्षेत्र और हर वर्ग की समस्याओं की जानकारी मिलती है। सरकार इस जानकारी को सकारात्मक रूप से लेकर एक बेहतर सरकार चला सकती है। लोकतंत्र में जनता की जितनी भागीदारी और सक्रियता होगी, उतनी ही शासन पालिका में पारदर्शिता आएगी और कार्यपालिका पर नियंत्रण होगा।
उन्होंने कहा कि सरकार और विधान मंडलों द्वारा बनाए गए कानून, नीतियों और योजनाओं का क्रियान्वयन धरातल पर सही ढंग से हो रहा है या नहीं, यह एक जनप्रतिनिधि बेहद अच्छे ढंग से बता सकता है। विधानसभा में जितनी बेहतर समीक्षा होगी उतना ही शासन बेहतर चलेगा और जवाबदेही सुनिश्चित होगी।
उन्होंने कहा कि एक अच्छा विधायक वही होता है जो सदन के दौरान अपने निर्वाचन क्षेत्र की समस्याओं को उठाने के साथ-साथ सदन की कार्यवाही में सार्थक चर्चा भी करे। उन्होंने कहा कि सामाजिक जीवन में कई चुनौतियां और कठिनाइयां आएंगी, जिनका समाधान इन्हीं विधान मंडलों से निकलेगा। आज सूचना प्रौद्योगिकी का युग है हमें नई-नई इनोवेशन के साथ सदन में सार्थक संवाद करना चाहिए, जिससे जनता के कल्याण की दिशा का मार्ग प्रशस्त हो सके।
श्री ओम बिरला ने कहा कि पक्ष- विपक्ष लोकतंत्र की ताकत है और भारत ने दुनिया को यह दिखा दिया है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था शासन को चलाने की सर्वोच्च पद्धति है। विविधताएं होने के बावजूद हमें साथ जोड़ने का कार्य इन लोकतांत्रिक पद्धतियों ने ही किया है।
उन्होंने कहा कि विधान मंडलों में सार्थक चर्चाएं करने से ही नेतृत्व क्षमता बढ़ेगी और सभी सदस्यों को इस दिशा में सोचना होगा कि विधान मंडलों का जनता के कल्याण के लिए कैसे बेहतर उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि नए सदस्य वरिष्ठ सदस्यों के अनुभवों से ज्ञान प्राप्त कर लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करने में अपना योगदान देंगे।
उन्होंने कहा कि हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष श्री हरविन्द्र कल्याण लगातार प्रयास कर रहे हैं कि सदन की कार्यवाही सार्थक रूप से चले और संसदीय प्रणालियां मजबूत हों।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि हरियाणा में बजट से पहले बजट पूर्व बैठकें कर विधायकों व अन्य हितधारकों से सुझाव लिए जाते हैं और उनके अनुरूप योजना व नीतियों का निर्माण किया जाता है। उन्होंने कहा कि संसदीय समितियां यह आकलन करती है कि बजट में जो प्रावधान और आवंटन किया गया है, उससे जनता के सामाजिक व आर्थिक जीवन में क्या बदलाव आया है। इसलिए यह प्रयास किया जाना चाहिए कि बजट के बाद संसदीय समितियां में अधिक से अधिक व्यापक चर्चा की जानी चाहिए ताकि बजट के प्रभावों का आकलन किया जा सके।
उन्होंने कहा कि इस 2 दिन के कार्यक्रम में विशेषज्ञों द्वारा विधायी कार्यों को समझने और उन्हें और बेहतर बनाने की जानकारी सभी सदस्यों को मिलेगी जिससे जनता का निर्वाचित सदस्यों के प्रति विश्वास व भरोसा और मजबूत होगा।
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