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गाजियाबाद में बीटेक छात्र की हत्या का मामला

बेटी से था अफेयर, बस इसी बात पर बीएसएफ कर्मी ने मारी थी चार गोलियां, गिरफ्तार

अमर सैनी

गाजियाबाद: गाजियाबाद में सेना से रिटायर बीएसएफ कर्मी ने बेटी से अफेयर के चलते विपुल की चार गोलियां मारकर हत्या की थी। आरोपी ने राजेश ने विपुल के पेट में तीन गोली और एक सिर में कान के पास मारी थी। जिसके बाद उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इस मामले में अब आरोपी राजेश और उसकी बेटी दीप्ति को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने दोनों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है।

एनएच-9 स्थित एबीईएस कॉलेज के बीटेक तृतीय वर्ष के छात्र विपुल वर्मा की शुक्रवार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे पैरामाउंट सिम्फनी सोसायटी में गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसी सोसायटी में रहने वाले विपुल की परिचित दीप्ति के पिता सेवानिवृत्त बीएसएफ कर्मी राजेश कुमार सिंह ने विपुल को चार गोलियां मारीं थी। जिसके बाद उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना की सूचना के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। जबकि आरोपी को हिरासत में लिया गया था। राजेश कुमार सिंह ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि युवक उनकी बेटी को परेशान कर रहा था। इसकी जानकारी मिलने पर वह दिल्ली से सोसायटी पहुंचे। वह दिल्ली की एक कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड है। विपुल सोसायटी में निंबर टावर की सातवीं मंजिल पर स्थित एक फ्लैट में रहता था, जबकि दीप्ति 14वीं मंजिल पर स्थित एक फ्लैट में अन्य लड़कियों के साथ रहती थी।शुक्रवार देर रात करीब साढ़े तीन बजे आरोपी राजेश ने ही फोन करके विपुल को ऊपर बुलाया था। जब विपुल अपने दोस्त आशीष कुमार गुप्ता के साथ फ्लैट पर पहुंचा तो आरोपी ने उसे थप्पड़ मार दिया। इससे पहले कि विपुल कुछ संभाल पाता, आरोपी ने अपनी लाइसेंसी पिस्तौल से विपुल पर गोली चला दी। यह बात भी सामने आई है कि मौके से भाग रहे आशीष पर गोली चलाई गई। विपुल के चाचा अमित वर्मा का कहना है कि शनिवार को पोस्टमार्टम के बाद रात करीब 10 बजे परिजन शव लेकर बलिया चले गये। विपुल के चाचा विनोद वर्मा के मुताबिक रविवार को शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। उन्होंने तीसरे आरोपी रंजय सिंह की अविलंब गिरफ्तारी की मांग की है।

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