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Shaurya Chakra Award: फरीदाबाद के लाल मेजर सतेंद्र धनखड़ को मिला शौर्य चक्र, आतंकियों से लोहा लेते हुए भी बचाई टीम की जान

Shaurya Chakra Award: फरीदाबाद के लाल मेजर सतेंद्र धनखड़ को मिला शौर्य चक्र, आतंकियों से लोहा लेते हुए भी बचाई टीम की जान

रिपोर्ट: संदीप चौहान

फरीदाबाद जिले के मछगर गांव के रहने वाले मेजर सतेंद्र सिंह धनखड़ को उनकी अदम्य बहादुरी और राष्ट्र के प्रति समर्पण के लिए भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान उन्हें जून 2024 में जम्मू-कश्मीर के डोडा ज़िले में आतंकवादियों के खिलाफ एक ऑपरेशन का नेतृत्व करते हुए दिखाए गए अद्वितीय साहस के लिए दिया गया है।

इस ऑपरेशन के दौरान मेजर सतेंद्र सिंह धनखड़ भारतीय सेना में एक कम्पनी कमांडर के रूप में तैनात थे। सूचना मिलने पर उन्होंने आतंकियों के ठिकाने पर पूरी रणनीति के साथ ऑपरेशन को अंजाम दिया। मुठभेड़ के दौरान उन्होंने तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों को ढेर किया। इस पूरे अभियान में मेजर सतेंद्र ने न सिर्फ आतंकियों का सफाया किया, बल्कि अपनी टीम के सभी सदस्यों की जान भी सुरक्षित रखी। मुकाबले के दौरान मेजर सतेंद्र के पैर में गोली भी लगी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अंतिम क्षण तक डटे रहे। घायल अवस्था में भी उन्होंने ऑपरेशन को सफलतापूर्वक पूरा किया।

मेजर सतेंद्र का सैन्य सफर 19 वर्ष की उम्र में शुरू हुआ था जब उन्होंने भारतीय सेना में सिपाही के रूप में भर्ती होकर देश सेवा का संकल्प लिया। 2018 में उन्हें लेफ्टिनेंट के रूप में 20 लांसर/4 राष्ट्रीय राइफल्स में शामिल किया गया। 2020 में उन्हें कैप्टन के पद पर पदोन्नत किया गया और वर्ष 2024 में वह मेजर बने। इस दौरान उनकी पोस्टिंग राजस्थान के बीकानेर, बाड़मेर और जम्मू-कश्मीर जैसे संवेदनशील और सामरिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में रही है। फिलहाल वह जम्मू-कश्मीर से ड्यूटी पूरी कर गांव लौट चुके हैं और अब लेबनान में संयुक्त राष्ट्र मिशन के तहत तैनाती की तैयारी कर रहे हैं।

मेजर सतेंद्र का पूरा परिवार मछगर गांव में रहता है। उनके पिता का पहले ही निधन हो चुका है। सतेंद्र की मां बीरो देवी ने बेटे की वीरता पर गर्व जाहिर करते हुए कहा कि उनका बेटा देश का सच्चा सपूत है, जिसने अपने गांव और देश दोनों का नाम रोशन किया है। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन के दौरान उनके बेटे के पैर में गोली लगी थी, लेकिन जब वह छुट्टी पर घर आया, तब उन्होंने यह बात बताई, परिवार को इसकी भनक तक नहीं लगी थी। यह सुनकर उन्हें गर्व के साथ भावुकता भी महसूस हुई।

मेजर सतेंद्र के सबसे बड़े भाई जीतेंद्र धनखड़ फरीदाबाद सेक्टर-12 कोर्ट में क्रिमिनल वकील हैं, जबकि उनके दूसरे भाई धर्मेंद्र धनखड़ नोएडा में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। सतेंद्र की पत्नी निधि धनखड़ एक गृहिणी हैं और उनकी एक तीन साल की बेटी भी है। पूरा परिवार इस सम्मान को लेकर गौरवांवित है। परिवार के सदस्यों ने कहा कि सतेंद्र की बहादुरी और समर्पण से ना सिर्फ देश बल्कि उनके गांव का नाम भी ऊंचा हुआ है। मेजर सतेंद्र सिंह धनखड़ की यह वीरता आज देश के लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है। एक सच्चे सैनिक के रूप में उन्होंने यह साबित कर दिया कि जब देश की रक्षा की बात आती है, तो हमारे जवान किसी भी हद तक जा सकते हैं। उनका यह सम्मान हर भारतीय के लिए गर्व और श्रद्धा का विषय है।

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