नई दिल्ली, 25 अक्तूबर:एशिया में मानवीय चिकित्सा नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए आरएमएल अस्पताल ने डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के साथ मिलकर शुक्रवार को इंडिया हैबिटेट सेंटर दिल्ली में एक कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमें करीब 200 स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों और मरीजों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
इस दौरान आम व्यक्ति के जीवन में आने वाली स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों के साथ टीबी रोग से उबर चुके रोगियों की कहानियों और समुदाय आधारित देखभाल मॉडलों पर चर्चा की गई। इस दौरान एंटी माइक्रोबियल रेजिस्टेंस (एएमआर) पर भी विचार-विमर्श हुआ. जिसमें नए एंटीबायोटिक्स और निगरानी प्रणालियों की आवश्यकता पर बल दिया गया। इसके अलावा स्वास्थ्य असमानताओं, विशेष रूप से ट्रांसजेंडर समुदाय और दिव्यांग महिलाओं की चुनौतियों के समाधान तलाशने के प्रयास किए गए। कार्यक्रम में डॉक्टर विदाउट बॉर्डर दक्षिण एशिया की कार्यकारी निदेशक डॉ फरहत मंटो, आरएमएल अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ अजय शुक्ला, डॉ सुजाता मैथ्यू और डॉ पुलिन गुप्ता मौजूद रहे। इस अवसर पर डॉ मंटो ने कहा, डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स एक अंतरराष्ट्रीय, स्वतंत्र चिकित्सा मानवीय संगठन है। 70 से अधिक देशों में यह संगठन संकट में फंसे लोगों की जान बचाने और उनके कष्टों को कम करने के लिए मानवीय चिकित्सा सहायता प्रदान करता है।