दिवाली को लेकर अस्पताल सतर्क, अतिरिक्त बेड संग डॉक्टरों की विशेष व्यवस्था
-दीयों व पटाखों के चलते संभावित इंजरी से निपटने के लिए दिल्ली के अस्पतालों के बर्न विभाग 24 घंटे रहेंगे अलर्ट
नई दिल्ली, 28 अक्तूबर : दिवाली के अवसर पर दीयों की रोशनी से जगमगाने वाली दिल्ली के लोगों को हर साल आतिशबाजी व अन्य कारणों से दुर्घटनाओं का भी सामना करना पड़ता है। ऐसे में दीये जलाने और बम – पटाखे चलाने के दौरान अतिरिक्त सावधानी का बरता जाना ना सिर्फ स्वयं को दुर्घटना का शिकार बनने से बचाता है। बल्कि अन्य लोगों को भी सुरक्षित रखने में मदद करता है।
फिलहाल, दिल्ली की जनता की सुरक्षा के मद्देनजर राजधानी के लगभग सभी अस्पताल अलर्ट मोड में आ चुके हैं। जिसके तहत एम्स ट्रामा सेंटर, सफदरजंग, आरएमएल, लोकनायक और जीटीबी अस्पताल प्रशासन ने दिवाली पर संभावित हादसों को लेकर विशेष तैयारियां की हैं। ताकि बम -पटाखे के बारूद और धमाकों से या दीये की आग से घायल होने वाले लोगों को उचित उपचार मुहैया कराया जा सके। इसके लिए अस्पताल प्रशासन ने अपने अपने बर्न विभागों में डॉक्टरों की 24 घंटे तैनाती के अलावा अतिरिक्त बिस्तरों की भी व्यवस्था की है। एम्स ट्रामा सेंटर के प्रमुख डॉ कामरान फारूक ने बताया कि दिवाली के मद्देनजर ट्रामा सेंटर के लिए डॉक्टरों की विशेष टीम तैयार की गई है जो हादसे में घायल लोगों का तुरंत उपचार करेगी।
फारूक ने कहा, इस दौरान अगर आग से जलने या झुलसने के मामले आते हैं तो एम्स के बर्न विभाग से भी डॉक्टरों को बुलाया जाएगा। वहीं, आग से अधिक झुलसे मरीजों को बर्न वार्ड में रेफर किया जाएगा। बता दें कि साल 2023 में दिवाली पर दिल्ली के कई अस्पतालों में पटाखों और दीयों से जलने के मामले सामने आए थे। तब, सफदरजंग अस्पताल में आग से जलने के 89 मामले आए थे, जिनमें से 71 मामले पटाखों से और 18 मामले दीयों से जलने के थे। वहीं, लोकनायक अस्पताल में 11 जलने के मामले आए थे। इनमें से ज्यादातर मरीज पुरुष थे। काफी लोगों को प्राथमिक इलाज के बाद घर भेज दिया गया था। जबकि कुछ लोगों को भर्ती भी करना पड़ा था।
लोकनायक में 20 बर्न बेड की अतिरिक्त व्यवस्था
लोकनायक अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ सुरेश कुमार ने बताया कि दिवाली पर संभावित हादसे या पटाखों से जलने व झुलसने की स्थिति से निपटने के लिए अस्पताल पूरी तरह तैयार है। इसके लिए बर्न विभाग में अलग से 20 बिस्तरों की व्यवस्था की गई है। मरीजों के इलाज के लिए 8 डॉक्टर 24 घंटे अलर्ट मोड पर तैनात रहेंगे। इसके अलावा एमरजेंसी विभाग को भी तैयार किया गया है, जहां मरीजों को प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध कराई जा सकेगी।
आरएमएल अस्पताल में पीड़ितों को मिलेगी विशेष दर्द निवारक दवा
राम मनोहर लोहिया अस्पताल के बर्न विभाग के प्रमुख डॉ समीक भट्टाचार्य ने बताया कि हमने दिवाली संबंधी घटनाओं के मद्देनजर सभी जरूरी दवाइयों व पट्टियों की व्यवस्था कर ली है। बम पटाखों के कारण होने वाली ब्लास्ट इंजरी में घायल लोगों को ‘नर्व ब्लॉक ऑन अराइवल’ थेरेपी दी जाएगी ताकि उन्हें दर्द से तुरंत राहत प्रदान की जा सके। उन्होंने बताया कि ऐसी इंजरी में लोगों की सबसे बड़ी समस्या तीव्र दर्द होता है जो पटाखों में मौजूद वाइट फास्फोरस के चोटिल अंग में प्रवेश करने के कारण लगातार होता रहता है। उन्होंने बताया कि 4 आईसीयू बेड के साथ 15 सामान्य बेड आरक्षित किए गए हैं। यह सुविधा 30, 31 अक्तूबर और 1 नवम्बर को ही उपलब्ध रहेगी।
सफदरजंग अस्पताल के बर्न विभाग ने की तैयारियां
सफदरजंग अस्पताल के बर्न विभाग की तरफ से दिवाली को लेकर पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। बर्न्स, प्लास्टिक व सर्जरी विभाग के प्रमुख शलभ कुमार ने बताया कि अस्पताल में 30 अतिरिक्त बेड की व्यवस्था करने के साथ 20 डॉक्टरों की एक विशेष टीम बनाई गई है। जो पीड़ितों को तुरंत उपचार प्रदान करेगी। विभाग ने जितनी तैयारी पिछले सालों में की है, उतनी ही तैयारी इस साल भी गई हैं। यू होने कहा, इस बार पटाखों पर प्रतिबंध लगा हुआ है जिससे उम्मीद है कि दुर्घटनाएं कम होंगी। फिर भी दीये या मोमबत्ती से कुछ लोग जल जाते हैं तो उनके लिए पूरे इंतजाम किए गए हैं।
क्या करें?
-दीये को परदे व अन्य आग पकड़ने वाली जगहों से दूर रखें।
-दीया जलाते समय विशेष ध्यान रखे। दीये को खुली जगहों पर रखें।
-खिड़कियों पर जाली लगाएं ताकि बाहर से पटाखा या अन्य आतिशबाजी अंदर ना आ पाए।
-आपात स्थिति से निपटने के लिए बाल्टी में पानी भर कर रखें।
-पटाखे से दूर रखें, यदि उसका बारूद हाथ पर गिर जाए तो तुरंत हाथ धोएं।
-जले हुए हिस्से को ठंडे पानी में रखे या गीले कपड़े से उसकी सफाई करें।
-चेहरे या छाती जलने पर तत्काल चिकित्सकीय सहायता लें।
-आंखों में कुछ चला जाए तो उसे तुरंत ठंडे पानी से धोएं और डॉक्टर को दिखाएं।
क्या ना करें?
-दीये जलाकर जमीन की बजाय ऊंचाई पर रखें।
-ज्यादा ढीले और लंबे कपड़े पहनने से बचें, क्योंकि वे आग पकड़ सकते हैं।
-जले हुए क्षेत्र में चिपके हुए कपड़े को ना निकालें।
-प्रभावित क्षेत्र पर मक्खन का मरहम या तेल ना लगाएं।
-जख्म पर बर्फ ना लगाएं क्योंकि इससे घाव भरने में समय लग सकता है।
दिल्ली में बर्न यूनिट सुविधा वाले प्रमुख अस्पताल :
1.सफदरजंग अस्पताल, अंसारी नगर ईस्ट, निकट एम्स मेट्रो स्टेशन, नई दिल्ली।
2.एम्स अस्पताल, अंसारी नगर, श्री अरबिंदो मार्ग, निकट एम्स मेट्रो स्टेशन, नई दिल्ली।
3.डॉ राम मनोहर लोहिया अस्पताल, कनॉट प्लेस, नई दिल्ली।
4.लोकनायक अस्पताल, जवाहर लाल नेहरू मार्ग, नई दिल्ली।
5.गुरु तेग बहादुर अस्पताल, दिलशाद गार्डन, दिल्ली।