नई दिल्ली, 22 नवम्बर : यदि कैंसर के सेल को शुगर और कार्बोहाइड्रेट न मिले तो कैंसर के सेल खुद बा खुद मरने लग जाते हैं और चौथे चरण के कैंसर से पीड़ित मरीज भी ठीक हो जाते हैं। इस आशय का दावा क्रिकेटर से नेता बने नवजोत सिंह सिद्धू ने एक प्रेस वार्ता में किया। उनके साथ पत्नी नवजोत कौर भी मौजूद थी।
सिद्धू ने कहा, मेरी पत्नी डॉ नवजोत कौर चौथे चरण के कैंसर से पीड़ित थी लेकिन जब हमने उनके खान -पान में बदलाव किया तो वह न सिर्फ कैंसर को मात देने में सफल रहीं। बल्कि देसी नुस्खों से कैंसर के सफल इलाज की एक मिसाल भी बन गईं। सिद्धू ने कहा कि कैंसर के मरीज को रोजाना शाम छह -साढ़े छह बजे और सुबह 10 बजे गर्म पानी के साथ कच्ची हल्दी, लहसुन की एक कली और सेब के सिरके का सेवन करना चाहिए। साथ 50 ग्राम पालक के पत्ते भी खिलाएं। गर्म पानी पीने के आधे घंटे बाद 10-12 नीम के पत्ते रोजाना खिलाएं तो चौथे चरण के कैंसर को भी मात दी जा सकती है। इन देसी नुस्खों का इस्तेमाल करने के बाद मेरी पत्नी 40 दिन में कैंसर के स्टेज 4 से वापस आ गई।
सिद्धू के मुताबिक इस बीमारी के इलाज में कड़वे और खट्टे तत्व सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। इसलिए मरीज को रोजाना सुबह कड़वे पदार्थ यानि नीम, हल्दी और अदरक का सेवन करना चाहिए। चाय नहीं पीनी चाहिए। चाय के रूप में काली मिर्च और दालचीनी का पानी उबालकर पीना चाहिए। इसमें मिठास के लिए थोड़ा सा गुड़ डाल सकते हैं। मिठास के लिए चीनी तो बिलकुल भी नहीं खिलानी और दूध का इस्तेमाल भी नहीं करना है। इसके बाद मरीज को नट्स और सफेद पेठे का जूस पिलाएं। करीब एक डेढ़ घंटे के बाद ब्लू बेरी या आंवला खिलाएं।
सिद्धू ने कहा अगर ब्लू बेरी उपलब्ध न हो तो मरीज को अनार और शहतूत खिलाएं। इसके साथ ही अखरोट के चार टुकड़े, चार ब्राजील नट्स और दो -दो मेकडेनिया नट्स और पीक नट्स ( कुल चार प्रकार के नट्स) का सेवन कराएं। डेढ़ दो घंटे बाद मरीज को चुकंदर, गाजर, ब्लूबेरी और आंवला का रस (एक गिलास) पिलाएं। दिन छिपने के बाद यानि शाम को सात -साढ़े सात बजे मरीज को किनवा (उबालकर) दिया जाए। यह कैंसर और सूजन रोधी पदार्थ है। किनवा न मिलने की स्थिति में बादाम के आटे की रोटी दी जा सकती है लेकिन गेहूं व अन्य आटे की रोटी व चावल बिलकुल नहीं देने चाहिए। इसके साथ ही मरीज को दो सब्जी और सलाद खिलाएं।
उन्होंने बताया कि मरीज के खाने में रिफाइंड तेल की जगह ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल करना चाहिए। अगर ऑलिव ऑयल उपलब्ध न हो सके तो नारियल के तेल या सरसों के तेल का इस्तेमाल करें। सिद्धू ने कहा कि उक्त खान -पान के करीब 40 दिन बाद डॉक्टरों ने मेरी पत्नी की छोटी सी सर्जरी की। इसके बाद डॉक्टरों ने उनका ‘पैट स्कैन’ टेस्ट किया तो जांच रिपोर्ट में सामने आया कि मरीज के शरीर में कोई गांठ या सिस्ट नहीं है और न ही वहां कैंसर का कोई सेल है। यह देखकर डॉक्टर भी हैरान रह गए। सिद्धू ने कहा इन देसी नुस्खों से कैंसर को हराया जा सकता है जिसका सबूत मेरी पत्नी है जो सबके सामने बैठी है। उन्होंने आगे कहा, यही सब देसी नुस्खे फैटी लिवर के उपचार में भी कारगर हैं। उक्त नुस्खों को अपनाकर फैटी लिवर की समस्या से निजात पाया जा सकता है।