Delhi Pollution: दिल्ली सरकार ने एक बार फिर से ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान की शुरुआत की
दिल्ली सरकार ने एक बार फिर से ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान की शुरुआत की
रिपोर्ट: रवि डालमिया
प्रदूषण की समस्या के खिलाफ एक प्रभावी कदम उठाते हुए, दिल्ली सरकार ने एक बार फिर से ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान की शुरुआत की है. हर साल चलाए जाने वाले इस अभियान का उद्देश्य लोगों को जागरूक करना है कि जब ट्रैफिक लाइट रेड हो, तो उन्हें अपने वाहन का इंजन बंद करना चाहिए. यह कदम न केवल हवा में फैलने वाले प्रदूषण को कम करेगा, बल्कि ईंधन की बचत भी करेगा. आज, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने आईटीओ चौराहे से इस अभियान की शुरुआत की. इस अवसर पर, उन्होंने जनता को इस बारे में जागरूक किया कि किस प्रकार छोटे-छोटे प्रयासों के द्वारा हम सभी मिलकर अपने वातावरण को साफ रख सकते हैं. वाहन चालकों को फूल भेंट कर उनसे अपनी गाड़ी के इंजन को बंद रखने की अपील की गई.
दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण की समस्या गंभीर है, जहां वाहनों द्वारा निकलने वाला धुआं एक मुख्य कारण है. मंत्री गोपाल राय ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली के अंदर का प्रदूषण इतना अधिक है, वहीं बाहर से भी इसका बड़ा योगदान है. उन्होंने बताया कि सर्दियों में प्रदूषण का स्तर और अधिक बढ़ जाता है, जिसमें डस्ट पॉल्यूशन, वाहन प्रदूषण और पराली जलाना जैसे कारक शामिल हैं.
पंजाब में हाल के वर्षों में पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है, लेकिन हरियाणा और उत्तर प्रदेश में यह समस्या लगातार बढ़ रही है. गोपाल राय ने सर्दियों में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए इन राज्यों की सरकारों से अपील की कि वे पराली जलाने की घटनाओं को कम करें. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने कहा कि इसके अलावा, दिल्ली सरकार लोगों को अपने व्यक्तिगत वाहनों का उपयोग कम करने के लिए भी प्रेरित करेगी. उन्होंने जनता से अपील की कि वे सार्वजनिक परिवहन का अधिकतम उपयोग करें. इससे न केवल ट्रैफिक जाम की समस्या में कमी आएगी, बल्कि प्रदूषण स्तर में भी कमी आएगी.
‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान सिर्फ एक सार्वजनिक जागरूकता कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. अगर हम सब मिलकर अपने छोटे-छोटे प्रयास करें, तो हम अपने पर्यावरण को बेहतर बना सकते हैं. दिल्ली सरकार की इस पहल को सफल बनाना हम सभी की जिम्मेदारी है, ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ और स्वस्थ हवा छोड़ सकें.