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CP Radhakrishnan: उपराष्ट्रपति पद के लिए BJP का दांव, क्या विपक्ष में दरार पड़ सकती है?

CP Radhakrishnan: महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को NDA ने उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया। भाजपा का यह फैसला तमिलनाडु सहित दक्षिण भारत में पैठ बनाने की रणनीति माना जा रहा है। क्या विपक्षी गठबंधन में दरार पड़ सकती है?

CP Radhakrishnan: महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को NDA ने उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया। भाजपा का यह फैसला तमिलनाडु सहित दक्षिण भारत में पैठ बनाने की रणनीति माना जा रहा है। क्या विपक्षी गठबंधन में दरार पड़ सकती है?

CP Radhakrishnan:  भाजपा की रणनीति – दक्षिण भारत पर फोकस

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने महाराष्ट्र के राज्यपाल CP Radhakrishnan को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया है। भाजपा का यह कदम सिर्फ व्यक्तिगत इनाम नहीं, बल्कि तमिलनाडु और दक्षिण भारत में अपनी पकड़ मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जहां भाजपा को अभी तक बड़ी सफलता नहीं मिली है।

द्रमुक का रुख – समर्थन या विरोध?

द्रमुक प्रवक्ता टीकेएस एलंगोवन ने CP Radhakrishnan को उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बनाए जाने को “अच्छा कदम” बताया।
उन्होंने कहा – “वह तमिल हैं और लंबे समय बाद कोई तमिल उपराष्ट्रपति बन सकता है। लेकिन द्रमुक विपक्षी गठबंधन का हिस्सा है और गठबंधन के फैसले का पालन करेगी।”

इससे साफ है कि द्रमुक धर्मसंकट की स्थिति में है। एक ओर राज्य की राजनीति, दूसरी ओर विपक्षी एकजुटता।

CP Radhakrishnan: BJP Vice president post Pick Will Cause Cracks In Opposition Bloc Know all about it

 पहले भी टूट चुकी है विपक्ष की एकजुटता

भारत के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनावों में पहले भी विपक्षी दलों में सेंध लग चुकी है:

  • प्रतिभा पाटिल (यूपीए उम्मीदवार) को शिवसेना ने समर्थन दिया, क्योंकि वह महाराष्ट्र से थीं।

  • प्रणब मुखर्जी को जदयू और शिवसेना ने एनडीए का हिस्सा होते हुए भी समर्थन दिया।

  • रामनाथ कोविंद के नाम पर जदयू ने विपक्ष में रहते हुए भी वोट किया, क्योंकि वह बिहार के राज्यपाल थे।

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पिछला अनुभव – धनखड़ चुनाव और TMC का रुख

पिछले उपराष्ट्रपति चुनाव में जब एनडीए ने जगदीप धनखड़ को उम्मीदवार बनाया, तो तृणमूल कांग्रेस ने मतदान से परहेज किया था।
धनखड़ और ममता बनर्जी के बीच लगातार टकराव की वजह से यह रुख अपनाया गया।
धनखड़ को सबसे ज्यादा वोट मिले और वे उपराष्ट्रपति बने।

क्या होगा इस बार का समीकरण?

एनडीए के पास फिलहाल 422 वोट हैं, जबकि पिछले चुनाव में धनखड़ को 528 वोट मिले थे।
संभावना है कि इस बार भी बीजेडी, वाईएसआरसीपी और बीआरएस जैसी पार्टियां एनडीए का समर्थन करें, जिनके पास कुल मिलाकर 22 सांसद हैं।

द्रमुक का सबसे बड़ा सवाल

तमिलनाडु में 32 सांसदों वाली द्रमुक के सामने चुनौती यह है कि क्या उसे अपने राज्य के नेता का समर्थन करना चाहिए या विपक्षी गठबंधन के साथ खड़ा रहना चाहिए।
अगर CP Radhakrishnan उपराष्ट्रपति चुने जाते हैं, तो वे तमिलनाडु से उपराष्ट्रपति बनने वाले तीसरे नेता होंगे।

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