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Bulandshahr: बुलंदशहर में अगस्त क्रांति दिवस पर कांग्रेसियों का मशाल जुलूस, शहीदों को श्रद्धांजलि

Bulandshahr: बुलंदशहर में अगस्त क्रांति दिवस पर कांग्रेसियों का मशाल जुलूस, शहीदों को श्रद्धांजलि

रिपोर्ट: अवनीश त्यागी

बुलंदशहर में आज कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अगस्त क्रांति दिवस के अवसर पर मशाल जुलूस निकालकर शहीदों को नमन किया। नगर के गांधी मूर्ति मलका पार्क से शुरू होकर यह जुलूस शहीद भगत सिंह चौक, काला आम चौराहे तक गया, जहां कार्यकर्ताओं ने स्वतंत्रता संग्राम में बलिदान देने वाले वीरों को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष जियाउर्रहमान ने कहा कि 9 अगस्त 1925 को हुए काकोरी ट्रेन एक्शन में क्रांतिकारियों ने अंग्रेजी सरकार का खजाना कब्जे में लेकर स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई को गति दी थी।

उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी के नेतृत्व में 1942 में शुरू हुआ भारत छोड़ो आंदोलन स्वतंत्रता संग्राम का अंतिम और निर्णायक चरण था, जिसने देशभर में आजादी की लौ प्रज्वलित की। गांधी जी के “करो या मरो” के नारे ने युवाओं, किसानों और आम जनता को अंग्रेजों के खिलाफ एकजुट किया। जियाउर्रहमान ने कहा कि आज के समय में भी लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए उसी तरह के आंदोलन की जरूरत है।

मशाल जुलूस में जिलाध्यक्ष जियाउर्रहमान, शहर अध्यक्ष रवि लोधी, सुभाष गांधी, नरेंद्र चौधरी, प्रशांत बाल्मिकी, नाफे अंसारी, मनीष चतुर्वेदी, किशन चौधरी, डॉ. एसडी शर्मा, साजिद गाजी, नईम मंसूरी, आदर्श देव शर्मा, आशु कुरैशी, कैफ़ी फैसल, सचिन वशिष्ठ, तारिक गाज़ी, मुनाजिम खान, हर्षवर्धन बाल्मिकी, जुबेर फारूकी, शाहनवाज खान, मुश्ताक अहमद, हाजी फिरोज, आरिफ कुरैशी, सलीम खान, अफनान इलाही, केपी जाटव, शादाब खान समेत कई लोग मौजूद रहे।

ममूटी ने कहा कि उन्हें ‘मेगास्टार’ की उपाधि पसंद नहीं है, उन्हें लगता है कि उनके जाने के बाद लोग उन्हें याद नहीं रखेंगे

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