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बिजली कटौती का किसी को भी नहीं मिला मुआवजा

बिजली कटौती का किसी को भी नहीं मिला मुआवजा

अमर सैनी

नोएडा। जिले में विद्युत निगम से अभी तक एक भी उपभोक्ता ने मुआवजे की मांग नहीं की है। विद्युत निगम की तरफ से निर्धारित समय में बिजली कटौती समेत अन्य समस्याओं का निस्तारण नहीं करने पर मुआवजा दिया जाता है। यह व्यवस्था उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग की ओर से जून 2023 में शुरू की गई थी। इसके लिए उपभोक्ताओं को 1912 पर शिकायत करके मुआवजे की मांग करनी पड़ती हैं।

विद्युत निगम के ईमानदार और समय पर बिल जमा करने वाले उपभोक्ताओं के लिए कटौती समेत अन्य समस्याओं का समय पर हल नहीं होने पर मुआवजे की व्यवस्था शुरू की गई। फिर तय अवधि में विद्युत संबंधी समस्या के दूर नहीं होने पर उपभोक्ता बिजली कंपनियों से मुआवजा ले सकते हैं। विद्युत नियामक आयोग के निर्देश पर पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने तत्काल प्रभाव से राज्य में मुआवजा संबंधी कानून जून 2023 में लागू कर दिया था। जिले में वित्त वर्ष की गर्मियों में 65 हजार से अधिक उपभोक्ताओं ने बिजली कटौती समेत विद्युत निगम से जुड़ी शिकायतें की हैं, जिस पर विद्युत निगम ने दावा किया है कि 90 प्रतिशत से अधिक शिकायतों का समय से निस्तारण कर दिया गया है। शेष 10 प्रतिशत शिकायतें के निस्तारण में कुछ अधिक समय लगा है। ऐसे में उत्तर प्रदेश उपभोक्ता परिषद ने सवाल उठाए है कि अगर 10 प्रतिशत शिकायतों का निस्तारण समय पर नहीं किया है तो इन 10 प्रतिशत उपभोक्ताओं को बिजली कटौती का मुआवजा दिया जाए। वहीं, विद्युत निगम के अभियंताओं का कहना है कि 1912 पर फोन करके मुआवजा की मांग करने पर ही मुआवजे की प्रक्रिया शुरू की जाती है।

इस तरह दर्ज करानी होती है शिकायत

दरअसल, उपभोक्ताओं को मुआवजा तभी मिलेगा, जब वह विद्युत संबंधी समस्या के समाधान के लिए पहले बिजली कंपनियों के कस्टमर केयर सेंटर के टोल फ्री नंबर 1912 पर शिकायत दर्ज कराएगा। फिर कस्टमर केयर सेंटर के टोल फ्री नंबर 1912 पर दर्ज कराई गई समस्या के तय अवधि में निस्तारित नहीं होने पर उपभोक्ता को मुआवजे की मांग करने के लिए फिर उसी टोल फ्री नंबर को ही मिलाना होगा और मुआवजे की मांग करनी होगी। इसके बाद मुआवजा संबंधी अलग से शिकायत नंबर मिलने के साथ ही मुआवजा मिलने की ऑनलाइन प्रक्रिया स्वत ही शुरू हो जाएगी। उपभोक्ता को विद्युत बिल के माध्यम से मुआवजे का भुगतान किया जाएगा।

विद्युत निगम के अधिकारियों के अनुसार, किसी भी उपभोक्ता को उसके द्वारा वित्तीय वर्ष में दी गई फिक्स या डिमांड चार्ज के 30 प्रतिशत से अधिक का मुआवजा नहीं मिलता। जैसे शहरी घरेलू उपभोक्ता को प्रति किलोवाट प्रतिमाह 110 रुपये फिक्स चार्ज देना होता है। अगर एक किलोवाट का कनेक्शन है तो उपभोक्ता द्वारा वर्षभर में 1320 रुपये फिक्स चार्ज दिया जाता है। ऐसे में उपभोक्ता प्रतिवर्ष कुल फिक्स या डिमांड चार्ज का 30 प्रतिशत यानी 396 रुपये अधिकतम मुआवजा ले सकेंगे।

बकायेदार उपभोक्ताओं को नहीं मिला लाभ

विद्युत निगम के अधिकारियों के अनुसार, निगम की योजना का लाभ बकायेदार उपभोक्ताओं को नहीं मिलेगा। निर्धारित समय पर बिल जमा करने वाले उपभोक्ता ही 1912 पर शिकायत करने के बाद मुआवजे का लाभ उठा सकते हैं।

जिले में अभी तक एक भी उपभोक्ताओं ने बिजली कटौती समेत अन्य समस्या के समय पर निस्तारण नहीं होने पर मुआजवे की मांग नहीं की है। जिले में बिजली की सभी समस्याओं का समय से पहले निस्तारण कर दिया जाता है। इस लिए जिले से किसी उपभोक्ता ने मुआवजे की मांग नहीं की है।

-हरीश बंसल, मुख्य अभियंता, विद्युत निगम।

बिजली कटौती (शहरी) : 2 घंटे

बिजली कटौती (देहात) : 6 घंटे

ट्रांसफार्मर (शहरी) : 6 घंटे

ट्रांसफार्मर (देहात) : 48 घंटे

अंडरग्राउंड (शहरी) : 12 घंटे

अंडरग्राउंड (देहात) : 48 घंटे

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