
नई दिल्ली, 31 जुलाई: स्वास्थ्य सेवा संसाधनों का निवेश केवल निदान और उपचारात्मक विकल्पों को विकसित करने के साथ बीमारियों की रोकथाम के लिए भी किया जाना चाहिए। यह बातें स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) डॉ अतुल गोयल ने भारत के प्रमुख स्वास्थ्य पेशेवर निकायों के साथ आयोजित बैठक में कहीं।
हाइब्रिड मोड में आयोजित बैठक का मुख्य एजेंडा स्वास्थ्य संवर्धन पर मंत्रालय की पहलों को आगे बढ़ाना था, यानी स्वस्थ आहार, शारीरिक गतिविधि को बढ़ावा देना और तंबाकू और शराब जैसी गैर-संचारी बीमारियों के प्रमुख जोखिम कारकों को दूर करना। इस दौरान देश भर के सभी चिकित्सा और दंत चिकित्सा संस्थानों में स्वास्थ्य और कल्याण की संस्कृति का प्रचार करने की परिकल्पना की गई।
स्वास्थ्य निकायों ने स्वास्थ्य संवर्धन के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ मिलकर काम करने का संकल्प लिया, जिसमें तंबाकू के उपयोग, शराब के दुरुपयोग और अन्य जोखिम कारकों के प्रचलन को कम करने के लिए जन जागरूकता अभियान, शैक्षिक कार्यक्रम और नीति वकालत की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
बैठक में डॉ. एल. स्वस्ती चरण, अपर डीडीजी और स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ 27 से अधिक प्रतिष्ठित स्वास्थ्य पेशेवर निकायों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इनमें राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी), विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए), एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडिया (एपीआई), कार्डियोलॉजी सोसायटी ऑफ इंडिया (सीएसआई) आदि भी शामिल थे।