Agra: अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती पर आगरा में भव्य जनसभा, मुख्यमंत्री योगी और उपराष्ट्रपति धनखड़ ने किया संबोधित

Agra: अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती पर आगरा में भव्य जनसभा, मुख्यमंत्री योगी और उपराष्ट्रपति धनखड़ ने किया संबोधित
रिपोर्ट: आकाश जैन
आगरा में पुण्य श्लोक लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की जन्म त्रिशताब्दी वर्ष स्मृति अभियान–2025 के अंतर्गत जीआईसी मैदान में आयोजित भव्य जनसभा में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने जनता को संबोधित किया। इस ऐतिहासिक अवसर पर मुख्यमंत्री ने लोकमाता के महान कार्यों को याद करते हुए उन्हें भारतीय संस्कृति और आस्था की पुनर्स्थापक बताया। उपराष्ट्रपति ने अहिल्याबाई को प्रेरणा मूर्ति करार देते हुए देशवासियों से उनके कर्तव्यनिष्ठ जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खेरिया सिविल एयरपोर्ट पर पहुंचे, जहां उनका स्वागत जनपद के जनप्रतिनिधियों, मंडलायुक्त शैलेन्द्र कुमार सिंह, जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी और पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने पुष्पगुच्छ भेंट कर किया। इसके पश्चात मुख्यमंत्री एयरफोर्स स्टेशन पहुंचे और भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ एवं उनकी धर्मपत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ का स्वागत पुष्पगुच्छ देकर किया। कार्यक्रम स्थल पर ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के अंतर्गत वृक्षारोपण किया गया और लोकमाता अहिल्याबाई के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन और पुष्पांजलि अर्पित की गई।
कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल ने की, जिन्होंने मंच पर उपस्थित सभी विशिष्ट अतिथियों का पटका पहनाकर और लोकमाता की कांस्य प्रतिमा भेंटकर अभिनंदन किया। जनसभा की शुरुआत राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ के साथ हुई। प्रो. बघेल ने अपने भाषण में कहा कि जो समाज अपने पूर्वजों का सम्मान नहीं करता, उसे सत्ता और समाज में भी सम्मान नहीं मिलता। उन्होंने बताया कि लोकमाता अहिल्याबाई ने 12 हजार से अधिक मंदिर, घाट, धर्मशालाएं और प्याऊ बनवाकर भारतीय धार्मिक-सांस्कृतिक मूल्यों को पुनर्जीवित किया। वे महिला शिक्षा, न्याय और सेवा की प्रतीक थीं।
महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के चोंडी गांव से पधारे विधानपरिषद सभापति श्री राम शंकर राव शिंदे ने बताया कि महाराष्ट्र सरकार ने अहमदनगर का नाम अब अहिल्याबाई के नाम पर रखने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि लोकमाता ने केवल मालवा नहीं बल्कि पूरे भारत में तीर्थस्थलों का पुनर्निर्माण कराया।
कार्यक्रम में हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और गोवा के पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रकांत बाबू कावलेकर ने भी जनसभा को संबोधित किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने ओजस्वी संबोधन की शुरुआत वंदे मातरम्, भारत माता की जय और लोकमाता अहिल्याबाई की जय के उद्घोष से की। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम राष्ट्र नायकों के प्रति हमारी जिम्मेदारियों और कर्तव्यों का स्मरण कराता है। लोकमाता मालवा की रानी थीं, परंतु उन्होंने अखिल भारतीय दृष्टिकोण से भारत की सांस्कृतिक विरासत के पुनरुद्धार का कार्य किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुगल कालखंड में जिन मंदिरों को विदेशी आक्रांताओं ने नष्ट कर दिया था, उनकी पुनर्स्थापना का कार्य लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर ने ढाई सौ वर्ष पूर्व किया। उन्होंने बताया कि यह समारोह उनकी त्रिशताब्दी जयंती के स्मरण में आयोजित हो रहा है, और समाज जब अपने नायकों से प्रेरणा लेकर कार्य करता है तो उसे दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकमाता अहिल्याबाई ने महिला सशक्तिकरण, कारीगरों, किसानों, युवाओं और भारतीय विरासत की रक्षा के लिए अतुलनीय कार्य किए। उन्होंने मंदिरों के जीर्णोद्धार में राजकोष का एक पैसा नहीं लिया, बल्कि अपनी व्यक्तिगत संपत्ति से रामेश्वरम, केदारनाथ, सोमनाथ, काशी विश्वनाथ, महाकाल और जगन्नाथपुरी जैसे तीर्थस्थलों का पुनर्निर्माण करवाया। उन्होंने केवल 70 वर्षों के जीवन काल में मानवता और सनातन धर्म के लिए ऐसे कार्य किए, जो आज भी प्रेरणास्रोत हैं।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने लोकमाता को प्रेरणा मूर्ति बताते हुए कहा कि हमें भी अपने कर्तव्यों को धर्म मानकर अधिकारों को सेवा के माध्यम से आगे बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ियां योगी आदित्यनाथ जी के कार्यों को वैसे ही याद रखेंगी जैसे हम लोकमाता को आज स्मरण करते हैं। उपराष्ट्रपति ने कहा कि सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम को नष्ट कर यह संदेश दिया है कि भारत आतंकवाद को समाप्त करेगा और जो भारत पर हाथ डालेगा, वह पूरी तरह नष्ट कर दिया जाएगा।