नई दिल्ली, 22 सितम्बर : एडवांस ट्रॉमा लाइफ सपोर्ट (एटीएलएस) कोर्स के 100वें बैच का प्रशिक्षण कार्यक्रम शनिवार को सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। इसके साथ ही अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज से संबद्ध राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल देश का ऐसा पहला केंद्र बन गया है जिसने करीब एक हजार प्रशिक्षित डॉक्टरों की वर्कफोर्स तैयार करने में कामयाबी हासिल की है।
इस संबंध में एनेस्थीसिया विभाग की प्रो अनुपमा गिल शर्मा ने बताया कि आरएमएल अस्पताल पिछले 15 साल से देश के विभिन्न डॉक्टरों को एटीएलएस कोर्स का प्रशिक्षण दे रहा है जो ‘गोल्डन ऑवर’ अवधि के दौरान जीवन के लिए खतरा पैदा करने वाली चोटों की पहचान करने और उनका इलाज करने पर केंद्रित है। उन्होंने बताया कि एटीएलएस कोर्स समापन समारोह में आरएमएल अस्पताल के 100 बैच को प्रशिक्षित करने वाले करीब 50 वरिष्ठ डॉक्टरों और प्रोफेसरों को सम्मानित किया गया। जिनमें डॉ सुषमा सागर, डॉ मृदुला पवार, डॉ आंचल कक्कड़ और डॉ विभा देव प्रमुख रहे।
उन्होंने बताया कि तीन दिवसीय एटीएलएस कोर्स के जरिए, डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को घायल मरीजों का आकलन करने और उनका इलाज करने का तरीका सिखाया जाता है। यह कोर्स, घायल मरीजों के इलाज के लिए एक संक्षिप्त, सुरक्षित और विश्वसनीय तरीका है। इस अवसर चिकित्सा अधीक्षक डॉ अजय शुक्ल, एटीएलएस चेयर इंडिया के अध्यक्ष डॉ एमसी मिश्रा और मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर पुलिन गोयल मौजूद रहे।
इस ट्रेनिंग में एबीसीडी यानी एयरवेज, ब्रीदिंग, सरकुलेशन और डिसेबिलिटी को मैनेज करने की ट्रेनिंग देते हुए बताया जाता है कि एक्सीडेंट होने पर किस तरह से घायल व्यक्ति को मैनेज किया जाए जिससे कि उसे सांस लेने में तकलीफ न हो, बिना रुकावट सांस ले सके, उसके खून का बहाव रुक जाए और उसे किस तरह उठाया और लिटाया जाए जिससे किसी प्रकार की विकलांगता न आने पाए।