नई दिल्ली, 21 अगस्त : भारतीय तटरक्षक के अपतटीय गश्ती पोत (ओपीवी) सुजय ने बुधवार को इंडोनेशिया के जकार्ता स्थित बंदरगाह पर कदम रखा। यह कूटनीतिक समुद्री संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है जिसे पूर्वी एशिया में आईसीजी की गतिविधियों के माध्यम से स्थापित किया गया है। सुजय आधुनिक हथियार प्रणालियों, उन्नत सेंसरों, अत्याधुनिक नेविगेशन और संचार प्रणालियों से सुसज्जित है ,जिसमें एक एकीकृत हेलीकॉप्टर भी शामिल है।
दो दिवसीय यात्रा के दौरान, आईसीजीएस सुजय के चालक दल समुद्री प्रदूषण प्रतिक्रिया, समुद्री खोज एवं बचाव और समुद्री कानून प्रवर्तन पर ध्यान केंद्रित करते हुए पेशेवर बातचीत में शामिल होंगे। गतिविधियों में बाकमला (इंडोनेशिया तटरक्षक) के साथ बातचीत, क्रॉस डेक प्रशिक्षण, संयुक्त योग सत्र, मैत्रीपूर्ण खेल आयोजन और बाकमला के साथ पैसेज सी एक्सरसाइज (पासेक्स) शामिल हैं। इस यात्रा का उद्देश्य न केवल भारतीय तटरक्षक और उनके इंडोनेशियाई समकक्षों के बीच संबंधों को मजबूत करना है, बल्कि भारत की जहाज निर्माण क्षमताओं को प्रदर्शित करना भी है, जो “आत्मनिर्भर भारत” की अवधारणा का समर्थन करता है।
इसके अतिरिक्त, आईसीजीएस जय पर सवार 10 राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के कैडेट स्थानीय युवा संगठनों के सहयोग से समुद्री प्लास्टिक प्रदूषण के प्रति पर्यावरण संरक्षण वॉकथॉन में भाग लेंगे, जो भारत सरकार की पहल “पुनीत सागर अभियान” में योगदान देगा और अंतर्राष्ट्रीय पहुंच को बढ़ाएगा। विदेशी तैनाती के लिए जहाज पर सवार दो महिला आईसीजी अधिकारी भी द्विपक्षीय सहकारी जुड़ावों में बातचीत और भाग लेते हुए “समुद्री सुरक्षा और सुरक्षा में महिलाएं” का प्रतिनिधित्व करेंगी।