Gujarat : बीएसएफ राइजिंग-डे के लिए तैयारियां शुरू, जानिए केंद्रीय गृहमंत्री की मौजूदगी में क्या होंगे कार्यक्रम
दिसंबर को बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) का स्थापना दिवस मनाया...

Gujarat News : (अभिषेक बारड) 1 दिसंबर को बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) का स्थापना दिवस मनाया जाएगा और इस बार यह गौरवपूर्ण आयोजन गुजरात को मिला है। वह भी भारत-पाकिस्तान की संवेदनशील सरहद पर बसे कच्छ में। सीमा की पहली रक्षा पंक्ति मानी जाने वाली बीएसएफ कच्छ और गुजरात के लिए आज एक मजबूत सुरक्षा दीवार की तरह खड़ी है। इस स्थापना दिवस पर भारत के गृहमंत्री अमित शाह देशभर से आए बीएसएफ के 11 कंटिंजेंट की परेड सलामी स्वीकार करेंगे। इसके लिए बीएसएफ द्वारा तैयारियां अभी से शुरू कर दी गई हैं। जानिए क्या हैं प्रमुख तैयारियां और शहीदों की प्रतिमा के साथ क्या आयोजन होंगे।
कहां आयोजित होगी बीएसएफ राइजिंग डे की परेड?
1 दिसंबर को बीएसएफ राइजिंग डे का आयोजन भुज के हरिपर रोड पर स्थित बीएसएफ कैंपस में होगा। इसके लिए विशाल मैदान की सफाई का काम बारिश रुकते ही शुरू हो जाएगा। मुंद्रा रोड पर स्थित बटालियन के मुख्य द्वार के पास एक शहीद स्मारक जैसी प्रतिकृति बनाई जाएगी, जहां गृहमंत्री कच्छ के 1965 और 1971 के युद्ध में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। यदि सरहद पर फेंसिंग, सड़कें और अन्य अधोसंरचनात्मक सुविधाओं के निर्माण कार्य पूरे हो जाते हैं, तो उनका भी लोकार्पण हो सकता है।
कितने लोग होंगे इस परेड समारोह में शामिल?
गृहमंत्री दिल्ली से भुज आएंगे, इसलिए गुजरात के मुख्यमंत्री, गृह राज्य मंत्री, बीएसएफ के डायरेक्टर जनरल, गुजरात फ्रंटियर के आईजी, भुज सब हेडक्वार्टर के डीआईजी और विभिन्न फ्रंटियर के अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। खासतौर पर 11 कंटिंजेंट की परेड के कारण जवानों के साथ उनके अधिकारी भी समारोह में शामिल होंगे। बीएसएफ परिसर में देशभक्ति से ओतप्रोत सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा।
दिल्ली के बाहर तीसरा और गुजरात में पहला राइजिंग डे
सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केवल दिल्ली में नहीं, बल्कि देश के विभिन्न सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा एजेंसियों के स्थापना दिवस मनाने की सलाह दी थी। इसी क्रम में बीएसएफ का यह राइजिंग डे दिल्ली के बाहर तीसरी बार और गुजरात में पहली बार मनाया जा रहा है। इससे पहले जोधपुर और हजारीबाग में ऐसे आयोजन हो चुके हैं। भुज में आने वाले उच्च अधिकारियों और खुफिया एजेंसियों के लिए भी विशेष आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी। फिलहाल जवानों और अधिकारियों के तबादले व प्रमोशन पर परोक्ष रूप से रोक लगाई जाएगी।
जन-जागरूकता का उद्देश्य: कितने हजार लोग होंगे शामिल?
सुरक्षा एजेंसियों के स्थापना दिवस को गांव-शहरों में मनाने का उद्देश्य है। लोगों में सीमावर्ती कार्रवाई के प्रति जागरूकता लाना। भुज में आयोजित इस परेड समारोह में सांसद, विधायक, अग्रणी नागरिक, नौकरशाह और आमंत्रित अतिथि शामिल होंगे। सूत्रों के अनुसार, आयोजन में लगभग पांच हजार लोगों की उपस्थिति संभव मानी जा रही है।