Dalai Lama ने किया बड़ा ऐलान: उत्तराधिकारी की पहचान अब गादेन फोडरंग ट्रस्ट करेगा, चीन को बताया ‘कोई अधिकार नहीं’
तिब्बती धर्मगुरु Dalai Lama ने अपने उत्तराधिकारी की पहचान पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भविष्य में दलाई लामा की मान्यता केवल गादेन फोडरंग ट्रस्ट द्वारा होगी और इसमें चीन का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा।

तिब्बती धर्मगुरु Dalai Lama ने अपने उत्तराधिकारी की पहचान पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भविष्य में दलाई लामा की मान्यता केवल गादेन फोडरंग ट्रस्ट द्वारा होगी और इसमें चीन का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा।
Dalai Lama का बड़ा ऐलान: अगला दलाई लामा तय करेगा गादेन फोडरंग ट्रस्ट, चीन को बताया ‘दखल का कोई अधिकार नहीं’
तिब्बती बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा ने बुधवार को मैक्लोडगंज से एक ऐतिहासिक घोषणा करते हुए कहा है कि उनकी संस्था भविष्य में भी जारी रहेगी और उत्तराधिकारी की पहचान केवल गादेन फोडरंग ट्रस्ट द्वारा की जाएगी। उन्होंने दो टूक शब्दों में साफ किया कि इस प्रक्रिया में किसी भी राजनीतिक सत्ता, खासकर चीन सरकार को हस्तक्षेप का कोई अधिकार नहीं होगा।
पुनर्जन्म की परंपरा पर दलाई लामा का रुख
Dalai Lama ने अपने ऐतिहासिक बयान में 24 सितंबर 2011 को हुए उस सम्मेलन की याद दिलाई जिसमें उन्होंने पहली बार अपने पुनर्जन्म और संस्थान के भविष्य पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि यदि तिब्बती जनता और धार्मिक संस्थाएं चाहें, तो यह परंपरा जारी रह सकती है।
“मैंने 1969 में भी यह स्पष्ट कर दिया था कि दलाई लामा की पुनर्जन्म परंपरा को जारी रखना है या नहीं, यह फैसला तिब्बती समुदाय और धार्मिक अनुयायियों पर निर्भर होगा।”
90 वर्ष की आयु में पुनर्मूल्यांकन की योजना
दलाई लामा ने पहले ही यह कहा था कि जब वे करीब 90 वर्ष के होंगे, तब वह तिब्बती बौद्ध परंपराओं के वरिष्ठ लामाओं और जनता से पुन: विचार-विमर्श करेंगे कि दलाई लामा की परंपरा जारी रहनी चाहिए या नहीं।
चीन को बताया “कोई अधिकार नहीं”
Dalai Lama ने चीन सरकार के भविष्य के दलाई लामा को अपने अनुसार तय करने के संकेत पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा:
“राजनीतिक हस्तक्षेप को पूरी तरह खारिज किया जाता है। केवल तिब्बती धार्मिक संस्थाएं और गादेन फोडरंग ट्रस्ट ही मान्यता की प्रक्रिया को अंजाम देंगे।”
गादेन फोडरंग ट्रस्ट को मिलेगी जिम्मेदारी
अब दलाई लामा की पुनर्जन्म की प्रक्रिया में गादेन फोडरंग ट्रस्ट की भूमिका प्रमुख होगी। यह ट्रस्ट:
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परंपरागत धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार उत्तराधिकारी की पहचान करेगा
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तिब्बती बौद्ध परंपराओं के वरिष्ठ गुरुओं और धर्म रक्षकों से सलाह करेगा
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पूरी प्रक्रिया को राजनीतिक प्रभाव से मुक्त रखेगा
Dalai Lama कौन हैं?
दलाई लामा तिब्बती बौद्ध धर्म के सबसे बड़े आध्यात्मिक नेता हैं। उन्हें करुणा के प्रतीक अवलोकितेश्वर बोधिसत्व का अवतार माना जाता है। प्रत्येक दलाई लामा का चयन विशेष धार्मिक प्रक्रियाओं के माध्यम से किया जाता है। मौजूदा दलाई लामा (14वें) ने यह सुनिश्चित करने की दिशा में कदम उठाया है कि यह परंपरा पवित्रता और धार्मिक नियमों के अनुसार जारी रहे।
दलाई लामा का यह बयान न केवल तिब्बती धार्मिक परंपरा को संरक्षित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि चीन जैसी राजनीतिक शक्तियों को स्पष्ट संदेश भी है कि धार्मिक संस्थाओं की स्वतंत्रता से कोई समझौता नहीं होगा।
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