
Shubho Noboborsho 2025 पर अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को भेजें पोइला बैसाख की शुभकामनाएं। जानिए इस बंगाली नववर्ष के पर्व का ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व।
Shubho Noboborsho 2025: क्या है पोइला बैसाख और क्यों है खास?
बंगाली पंचांग के अनुसार, ‘पोइला बैसाख‘ वर्ष का पहला दिन होता है। इसे Shubho Noboborsho या बांग्ला नववर्ष के रूप में पूरे उत्साह से मनाया जाता है। यह सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पर्व है जिसे भारत और बांग्लादेश के बंगाली समुदाय के लोग बड़े उत्साह और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मनाते हैं।
Shubho Noboborsho 2025: सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
ऐसा माना जाता है कि मुग़ल सम्राट अकबर ने 15वीं शताब्दी में बांग्ला कैलेंडर की शुरुआत की थी ताकि किसानों से लगान वसूली आसान हो सके। इसी कारण 15 अप्रैल को नववर्ष का पहला दिन माना गया, जिसे अब पोइला बैसाख कहा जाता है।
बांग्लादेश में इस दिन मंगल शुभ यात्रा का आयोजन होता है, जिसमें रंग-बिरंगे परिधान में सजे लोग जुलूस निकालते हैं। वहीं भारत के पश्चिम बंगाल में यह दिन पारंपरिक पकवान, पूजा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ मनाया जाता है।
Shubho Noboborsho 2025: इस दिन लोग कैसे मनाते हैं बांग्ला नववर्ष?
पारंपरिक पूजा और उत्सव
लोग घरों को सजाते हैं, पारंपरिक परिधान पहनते हैं और देवी-देवताओं की पूजा करते हैं। व्यापारिक वर्ग हलकाता करते हैं यानी नए बही-खातों की शुरुआत करते हैं।
Shubho Noboborsho 2025: डिजिटल शुभकामनाएं और संदेश
अब के समय में लोग सोशल मीडिया के माध्यम से भी अपने मित्रों व परिजनों को शुभकामनाएं भेजते हैं। आप भी इन संदेशों से अपने करीबी लोगों को नववर्ष की शुभकामनाएं दे सकते हैं:
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“Shubho Noboborsho! नया साल आपके जीवन में खुशियाँ, समृद्धि और शांति लेकर आए।”
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“खुश रहो, मुस्कुराते रहो और जीवन में तरक्की करो – शुभो नवोबोर्षो!”
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“नववर्ष की नई शुरुआत हो, हर दिन आपके लिए नई खुशियाँ लाए।”
Shubho Noboborsho 2025: शुभकामनाएं देने के लिए बेहतरीन Quotes और Status
हिंदी में स्टेटस और संदेश
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नया साल आपके जीवन को रोशनी, रंग और खुशियों से भर दे।
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पोइला बैसाख के इस पावन अवसर पर सुख, शांति और सफलता आपके साथ हो।
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शुभो नवोबोर्षो! हर दिन नई उमंग और आशा लेकर आए।
Shubho Noboborsho 2025: बांग्ला में शुभकामनाएं
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শুভ নববর্ষ! নতুন বছর আপনার জীবনে আনন্দ ও সফলতা নিয়ে আসুক।
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নতুন বছরের শুরু হোক নতুন আশায়, নতুন আলোয়।
Shubho Noboborsho 2025 केवल एक तारीख नहीं, बल्कि बंगाली संस्कृति, परंपरा और सामूहिक उल्लास का प्रतीक है। यह दिन हमें एक नई शुरुआत करने, रिश्तों को संजोने और आशावाद को अपनाने की प्रेरणा देता है।