उत्तर प्रदेशभारत

उत्तर प्रदेश, नोएडा: जिले में दो स्कूली बसों को छोड़कर सभी दुरुस्त हुई

उत्तर प्रदेश, नोएडा: जिले में दो स्कूली बसों को छोड़कर सभी दुरुस्त हुई

अमर सैनी
उत्तर प्रदेश, नोएडा। जिले की स्कूली बसों में बच्चों का सफर पहले की तुलना में सुरक्षित हो गया है। परिवहन विभाग के अनुसार दो स्कूली बसों को छोड़कर बाकी बसें दुरुस्त हो गई हैं। फरवरी में 26 स्कूली बसों की फिटनेस खत्म थी। परिवहन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार स्कूलों की कुल 2079 बसें पंजीकृत हैं। इसमें स्कूलों के नाम 1922 बसें पंजीकृत हैं। वहीं, स्कूलों में लगी अनुबंधित बसों की संख्या 157 है। शिक्षण संस्थानों के नाम पंजीकृत बसों में से दो बसों की फिटनेस जांच खत्म है। वहीं, बाकी बसों की फिटनेस जांच स्कूलों ने करा ली है।

इसके अलावा 15 साल की समयसीमा पूरी कर चुकी 305 बसों का पंजीकरण निलंबित किया जा चुका है। निलंबन की छह माह की अवधि पूरी कर चुकी 73 बसों को पंजीकरण निरस्त किया जा चुका है। एआरटीओ प्रशासन डॉ. सियाराम वर्मा ने कहा कि स्कूली बसों में बच्चों की सुरक्षा प्रमुखता पर है। उन्होंने कहा कि लगातार जांच अभियानों, नोटिस, बसों के चालान और जब्त की कार्रवाई के कार्रवाई के बाद स्कूलों व बस ऑपरेटर्स ने बसों को दुरुस्त कराया है। उन्होंने कहा कि बिना फिटनेस जांच बसों के सड़कों पर दौड़ने के दौरान दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में बसों में सवार बच्चों की जान जोखिम में पड़ सकती है। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में स्कूलों ने पुरानी बस का पंजीकरण सरेंडर करके नई स्कूली बसों को पंजीकृत करा लिया है। फिटनेस में हर हिस्से की जांच की जाती है परिवहन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक फिटनेस में बस के हर हिस्से की जांच की जाती है। मैनुअल होने के कारण पूरी प्रक्रिया में करीब तीन घंटे तक लग जाते हैं। बसों की फिटनेस जांच में हेड लाइट, स्पीड गर्वनर, ब्रेक, क्लच, अग्निशमन उपकरण, प्रत्येक सीट पर सीट बेल्ट, बस की खिड़की का पूरी तरह से ग्रिल से कवर होना, बस की ब़ॉडी, बच्चों के बैग रखने का स्थान समेत हर हिस्सा शामिल है। किसी भी हिस्से में यदि कमी मिलती है तो उसे दुरुस्त कराकर लाने के लिए बस चालक से कहा जाता है। यदि सभी हिस्से दुरुस्त मिलते हैं तो फिटनेस जांच प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है। विभाग के अनुसार निर्धारित समय सीमा पूरी होने के बाद फिर से बस की फिटनेस जांच करानी अनिवार्य है। निजी वैन पर सख्ती परिवहन विभाग के अनुसार स्कूली बच्चों को ढोते पकड़े जाने वाले निजी वैन चालकों पर सख्ती की जा रही है। इसमें चालान के अलावा वैन के दस्तावेज और चालक का ड्राइविंग लाइसेंस जब्त कर लिया जाता है। बच्चों के बैठे होने के कारण वैन को जब्त करना मुश्किल होता है।

स्कूली बसों से जुड़े तथ्य- कुल स्कूली बसों की संख्या-2079 स्कूलों के नाम पंजीकृत बसों की संख्या-1922 अनुबंधित बसों की संख्या 157 -फिटनेस खत्म बसों की संख्या-02

भारत और पाकिस्तान टी20 विश्व कप 2024 में दो बार आमने-सामने हो सकते हैं। जानिए कैसे

Related Articles

Back to top button