नई दिल्ली: सर्वाइकल कैंसर जांच के लिए देश की पहली स्वदेशी किट लांच
नई दिल्ली: -भारत के जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने विकसित की एचपीवी टेस्ट किट

नई दिल्ली, 23 अप्रैल : केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने बुधवार को देश की पहली सर्वाइकल कैंसर जांच किट लांच की। जो ना सिर्फ ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) की सटीक जांच करने में सक्षम है। बल्कि पूर्णतया स्वदेशी और किफायती भी है।
एचपीवी जांच किट का विकास जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद के संग साझेदारी कार्यक्रम ग्रैंड चैलेंज इंडिया के माध्यम से किया है। डॉ सिंह ने बताया कि सर्वाइकल कैंसर या गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर भारतीय महिलाओं में पाया जाने वाला दूसरा सबसे आम कैंसर है। डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के अनुसार, दुनिया में इस बीमारी से पीड़ित हर पांच में से एक महिला भारतीय है।
डॉ सिंह ने कहा, अगर सर्वाइकल कैंसर की पहचान उचित समय पर हो जाए तो इसका इलाज संभव है। मगर दुर्भाग्य से इस रोग की पहचान अक्सर तीसरे या चौथे चरण में होती है जिसके चलते सर्वाइकल कैंसर से होने वाली कुल वैश्विक मौतों में से 25% मौतें सिर्फ भारत में होती हैं। सर्वाइकल कैंसर वारियर के नाम से मशहूर पद्मश्री डॉ नीरजा भाटला ने कहा, विकसित देशों में महिला आबादी की सर्वाइकल कैंसर जांच पैप स्मीयर टेस्ट के जरिये सफलतापूर्वक हो रही है, जो काफी महंगा टेस्ट है। ऐसे में स्वदेशी एचपीवी जांच किट के लांच से देश में सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम को लेकर एक नई आशा का संचार हुआ है।
उन्होंने कहा, भारत की आरटी पीसीआर -आधारित एचपीवी डायग्नोस्टिक टेस्ट किट तेजी से सटीक जांच परिणाम देती है। इस किट के परीक्षण एम्स दिल्ली, एनआईसीपीआर नोएड और एनआईआरआरसीएच मुंबई की प्रयोगशालाओं में सफलतापूर्वक संपन्न हो चुके हैं। इसका लाइसेंस भी मिल गया है जल्द ही यह किट बाजार में उपलब्ध होगी। डॉ भाटला ने बताया कि इस एचपीवी किट से सात -आठ प्रकार के वायरसों को डिटेक्ट किया जा सकेगा। जो भारतीय महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर रोग के लिए जिम्मेदार हैं और सबसे ज्यादा पाए जाते हैं। हालांकि दुनिया में एचपीवी के 14 वायरस मौजूद हैं।