
मैं स्वयं और मेरी सरकार सड़क दुर्घटनाएं के मुद्दे को लेकर बहुत चिंतित हैं और हम समाधान खोजने का प्रयास कर रहे हैं – परिवहन मंत्री, अनिल विज
चंडीगढ़, 27 मार्च: हरियाणा के परिवहन मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि “मैं स्वयं और मेरी सरकार राज्य में सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों और मानव संसाधन की अक्षमताओं को रोकने के लिए समाधान खोजने को लेकर बहुत चिंतित हैं।” उन्होंने कहा कि “बिना नियमों के, हम अपने अधिकारों की स्वतंत्रता प्राप्त नहीं कर सकते।” उन्होंने आगे बताया कि सरकार ब्लैक स्पॉट्स की पहचान कर रही है, सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के उपाय कर रही है, ओवरसाइज़ और लंबे वाहनों की समस्याओं को हल कर रही है, साथ ही ड्राइवरों की सुविधाओं और उनके ड्यूटी घंटों पर भी ध्यान दे रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि “हम सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं, जो किए जा सकते हैं और किए जाने चाहिए।”
श्री विज आज हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान गैर-सरकारी संकल्प पत्र पर बोल रहे थे।
उन्होंने बताया कि सड़क सुरक्षा के लिए निम्नलिखित सुविधाओं के साथ हरियाणा में कुल 27 यातायात पुलिस स्टेशन और 7 यातायात पुलिस चौकियां स्थापित की गई हैं। हरियाणा में कुल 3,379 ई-चालान मशीनें उपलब्ध करवाई गई हैं और 53 चालान शाखांए कार्यरत हैं। सभी चालान शाखाएं और ई-चालान मशीनें ई-चालान सॉफ्टवेयर से जुड़ी हुई हैं, जिसे मोर्थ (MORTH) द्वारा विकसित किया गया है। यातायात चालान के लिए कुल 1302 एल्को-सेंसर का उपयोग किया जाता है। इस उद्देश्य के लिए कुल 25 बड़ी क्रेन, 22 छोटी क्रेन और 84 एम्बुलेंस का उपयोग किया जाना है। इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेन्ट सिस्टम लागू कर दिया गया है, जिसके तहत 12 जिलों पंचकूला, यमुनानगर, कुरूक्षेत्र, अम्बाला, करनाल, पानीपत, सोनीपत, रोहतक, कैथल, मेवात, गुरूग्राम और फरीदाबाद में ट्रैफिक सिस्टम की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसके अलावा, राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 152-डी0, दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेसवे और हरियाणा के एन0एच0-44 को भी आईटीएमएस / ए०एन०पी०आर० कैमरों के तहत कवर किया गया है। विभिन्न स्कूलों/कॉलेजों / यूनियनों / कार्यशालाओं/ होटलों/ ढाबों आदि में कुल 2366 सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान आयोजित किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि हरियाणा में प्रधानमन्त्री जन आरोग्य योजना के तहत दुर्घटना पीड़ितों के लिए निःशुल्क कैशलेस उपचार योजना 01.10.2024 से लागू की गई है जिसके तहत प्रति व्यक्तिं प्रति दुर्घटना 1.50 लाख रूपये तक का अधिकतम सात दिनों के लिए निःशुल्क उपचार दिया जाएगा। इस योजना के तहत अब तक कुल 672 सड़क दुर्घटना पीड़ितों को निःशुल्क उपचार प्रदान किया गया है। वर्ष 2024 के दौरान यातायात उल्लंघनकर्ताओं के कुल 23,16,795 चालान जारी किए गए हैं। वर्ष 2024-2025 के लिए सड़क सुरक्षा यातायात प्रश्रोत्तरी प्रतियोगिता सफलापूर्वक सम्पन्न हुई, जिसमें कुल 21975 स्कूलों / कॉलेजों और 4407471 विद्यार्थियों ने भाग लिया। सड़क उपयोगकर्ताओं, छात्रों, आम जनता सड़क सुरक्षा फिल्में उपलब्ध करवाई गई हैं। हरियाणा में 01.01. 01.01.2022 से आई०आर०ए०डी०/३०डी०ए०आर० एप्लीकेशन लागू कर दी गई है, जिसमें कुल 34,498 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गई हैं।उच्च आवृत्ति दुर्घटना क्षेत्र और आई०आर०ए०डी० पर उपलब्ध आंकड़ों के विश्लेषण के लिए आई०आई०टी० मद्रास द्वारा 18.01.2024 को विकसित संजया ऐप इस उद्देश्य के लिए हरियाणा में प्रयोग की जा रही है।
उन्होंने बताया कि विश्लेषण और दुर्घटना रिपोर्टों के अनुसार, तेज गति और खतरनाक ड्राइविंग उपरोक्त दुर्घटनाओं का मुख्य कारण है। सड़क दुर्घटनाओं को नियंत्रित और कम करने के लिए, विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं जिसके तहत तेज गति से चलने वाले वाहनों को नियंत्रित करने के लिए एन0एच0-44 के 5 जिलो अम्बाला, कुरूक्षेत्र, करनाल, पानीपत व सोनीपत के 9 स्थलों पर कुल 72 ए०एन०पी०आर० और गति पहचान कैमरे लगाए गए हैं। ओवर स्पीडिंग को नियंत्रित करने और यातायात चालान के लिए कुल 62 इंटरसेप्टर का उपयोग किया जाता है। एन0एच0-44 का ऑडिट सड़क यातायात शिक्षा संस्थान-आई०आर०टी०ई०, फरीदाबाद द्वारा किया गया है। यातायात प्रबन्धन तथा सड़क सुरक्षा में सुधार के उद्देश्य से सड़क यातायात शिक्षा संस्थान-आई०आर०टी०आई०, फरीदाबाद के सहयोग से गुरूग्राम में यातायात इंजीनियरिंग केन्द्र तथा संगठनात्मक विकास केन्द्र की स्थापना की गई है। हरियाणा पुलिस शीघ्र ही सड़क स्वामित्व एजेंसियों जैसे एन०एच०ए०आई०, पी०डब्ल्यू०डी०, यू०एल बी०, एच०एस०वी०पी०, एच०एस०आई०आई०डी०सी०, जी०एम०डी०ए०, एच०एस०ए०एम०बी० आदि की मदद से हरियाणा की सभी सड़कों का ऑडिट करेगी। सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों और चोटों को कम करने के लिए, राज्य सरकार ने वर्ष 2016 में हरियाणा सड़क सुरक्षा नीति तैयार की गई, जिसका उदेश्य 4 ई अर्थात प्रवर्तन, इंजीनियरिंग सड़क और वाहन, शिक्षा और आपातकालीन देखभाल को प्रभावी ढंग से लागू करना है। इस नीति का उदेश्य सभी सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए सुरक्षित यात्रा सुनिश्रित करना है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 में कुल 11,105 दुर्घटनाएँ, 5,596 मौतें और 12,437 घायल होने के मामले सामने आए। इसी तरह, वर्ष 2023 में 10,438 दुर्घटनाएँ, 5,195 मौतें और 10,966 घायल हुए। उन्होंने बताया कि वर्ष 2024 में 9,755 दुर्घटनाएँ, 4,826 मौतें और 9,078 घायल हुए। इसी तरह, श्री विज ने कहा कि वर्ष 2025 में अब तक 3,213 दुर्घटनाएँ, 1,106 मौतें और 3,793 घायल होने के मामले सामने आए हैं। इसका स्त्रोतः MORTH की इलेक्ट्रॉनिक विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट (एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस) है।
उन्होंने बताया कि सड़क सुरक्षा पहलों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए प्रौद्योगिकी और सड़क दुर्घटना डेटा के विश्लेषण के माध्यम से सड़क सुरक्षा में सुधार करने के प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य परिवहन ने हरियाणा रोडवेज बसों से जुड़ी प्रत्येक दुर्घटना का विश्लेषण करने और हरियाणा रोडवेज बसों से जुड़ी दुर्घटनाओं की दर को कम करने के लिए प्रभावी कदम उठाने के लिए एक समिति का गठन किया है। इसके अलावा, माननीय सर्वोच्च न्यायालय की सड़क सुरक्षा समिति (SCCORS) के निर्देशों के अनुपालन में राज्य सरकार ने सड़क सुरक्षा से संबंधित सभी गतिविधियों को हितधारक विभागों, यानी पीडब्ल्यूडी (बीएंडआर), पुलिस, शिक्षा, स्वास्थ्य, शहरी स्थानीय निकाय और सड़क सुरक्षा से संबंधित अन्य विभागों के साथ समन्वय करने के लिए राज्य सड़क सुरक्षा परिषद के सचिवालय के रूप में कार्य करने के लिए एक लीड एजेंसी का गठन किया है।
इसी तरह, प्रतिष्ठित ऑटोमोबाइल निर्माताओं के साथ साझेदारी में करनाल (होंडा), कैथल (अशोक लीलैंड), बहादुरगढ़ (मारुति सुजुकी) और रोहतक (मारुति सुजुकी) में चार ड्राइविंग, प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान (आईडीटीआर) कार्यरत हैं। टाटा मोटर्स के साथ साझेदारी में भिवानी में पांचवां आईडीटीआर अगस्त, 2025 तक कार्यरत हो जाएगा। अगले 2 वर्षों में टाटा मोटर्स के साथ साझेदारी में नूंह और फरीदाबाद में दो और आईडीटीआर चालू किए जाएंगे। सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए, मोटर वाहन फिटनेस के परीक्षण के लिए सात स्थानों, यानी सोनीपत, रेवाड़ी, जींद, पलवल, नूंह, फरीदाबाद और यमुनानगर में सार्वजनिक-निजी भागीदारी मोड में स्वचालित परीक्षण केन्द्र स्थापित किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय परिवहन मंत्री की अध्यक्षता में 7 जनवरी, 2025 को नई दिल्ली में राज्य परिवहन मंत्रियों का एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें ड्राइवरों और अन्य सड़क यात्रियों के लिए सड़क किनारे सुविधाओं के निर्माण सहित भारत के सड़क परिवहन क्षेत्र को बदलने के लिए प्रभावी सड़क सुरक्षा उपायों पर विचार-विमर्श किया गया। श्री विज ने कहा कि उन्होंने इस राष्ट्रीय बैठक में भाग लिया था और कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए थे, जिन्हें केंद्रीय मंत्री और अन्य मंत्रियों ने सराहा। उन्होंने कहा कि वह राज्य में सड़क दुर्घटनाओं को कम करना चाहते हैं और इस विषय पर व्यापक अध्ययन किया है। यदि आवश्यक हुआ तो वह किसी प्रतिष्ठित संस्था को सड़क दुर्घटनाओं पर शोध करने का कार्य सौंप सकते हैं। श्री विज ने स्वीकार किया कि शराब की दुकानें सड़क पर सुरक्षा को प्रभावित करती हैं और सरकार इस मुद्दे की समीक्षा करेगी। उन्होंने राष्ट्रीय बैठक में ओवरसाइज़ वाहनों की समस्या को भी उठाया और अखिल भारतीय मोटर वाहन संघ से आग्रह किया कि वे परिवहन संगठनों के लिए कुछ नियम बनाएं, क्योंकि वर्तमान में ड्राइवरों के लिए कोई निश्चित कार्य समय नहीं है।
उन्होंने बताया कि 62% दुर्घटनाएं मानवीय त्रुटियों के कारण होती हैं, और कई ड्राइवर 20-20 घंटे तक लगातार काम करते हैं। उन्होंने ड्राइवरों के लिए अनिवार्य चिकित्सा परीक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया और विधानसभा को आश्वासन दिया कि इसे लागू किया जाएगा। इसके अलावा, उन्होंने ड्राइवरों के लिए विश्राम स्थलों और उचित ड्यूटी घंटों के मुद्दे को भी हल करने का वादा किया। उन्होंने कहा कि “हम वह सब कुछ करेंगे जो संभव है। यदि कोई सदस्य कोई सुझाव देगा, तो मैं उसे लागू करने का प्रयास करूंगा, क्योंकि मानव जीवन अत्यंत मूल्यवान है। हर साल 5000 से 6000 लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवाते हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में 300 से अधिक ब्लैक स्पॉट्स की पहचान की गई है, और विभिन्न विभागों की सहायता से इन खतरनाक स्पॉट्स को हटाने के प्रयास किए जा रहे हैं, क्योंकि मानव जीवन बहुत बहुमूल्य है।