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नई दिल्ली: मोहल्ला क्लिनिक नहीं ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिर’ कहिये जनाब !

नई दिल्ली: -हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों की तर्ज पर मोहल्ला क्लीनिकों के नाम में लाई जा सकती है एकरूपता

नई दिल्ली, 12 फरवरी : दिल्ली से आम आदमी पार्टी की सरकार जाने के बाद मोहल्ला क्लीनिकों के बंद होने को लेकर जारी चर्चा का पटाक्षेप हो गया है। ये क्लीनिक न बंद होंगे, न ठप होंगे बल्कि नए नाम से लोगों को निशुल्क चिकित्सा सेवा मुहैया कराते रहेंगे।

दरअसल, दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की जीत के साथ ही मुख्य सचिव ने अगले 100 दिन के एक्शन प्लान में आयुष्मान भारत -प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) को प्राथमिकता के साथ लागू करने का आदेश दिया है। इससे जहां सभी आयु वर्ग के नागरिकों को पांच लाख रुपये तक का इलाज किसी भी सरकारी या निजी अस्पताल में मुफ्त कराने की सुविधा मिलेगी। वहीं, 70 साल से अधिक आयु के बुजुर्गों को भी पांच लाख रुपये की वार्षिक उपचार सहायता मिलेगी जो पहले योजना का हिस्सा नहीं थे।

इसके साथ ही प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन योजना (पीएम-एबीएचआइएम) के तहत दिल्ली में 1,139 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोलने की प्रस्तावित योजना को भी सिरे चढ़ाने की कवायद में तेजी लाई जाएगी। इसके तहत दिल्ली सरकार के करीब 524 मोहल्ला क्लीनिकों के नाम बदलने पर भी विचार किया जा रहा है। यानि देश के अन्य हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों या प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों की तर्ज पर दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिकों को ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिर’ नाम देकर एकरूपता लाई जा सकती है।

दिल्ली के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में वृद्धि के लिए केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार से 1,139 वेलनेस सेंटर स्थापित करने का प्लान दिया था। इसके लिए केंद्र ने 1232.25 करोड़ रुपए और दिल्ली सरकार ने 823.5 करोड़ रुपए खर्च करने थे, लेकिन भाजपा नीत राजग की केंद्र सरकार और आप नीत दिल्ली सरकार के बीच विवाद होने से दिल्ली में यह प्लान लागू नहीं हो पाया। केंद्र के प्लान को आप की सरकार ने मंजूरी नहीं दी। आप पार्टी की सरकार ने उस वक्त 1000 मोहल्ला क्लिनिक शुरू करने की घोषणा की थी, जिसके तहत करीब 524 मोहल्ला क्लिनिक ही बनाए जा सके। इनमें से भी कई अभी बंद हो चुके है।

ममूटी ने कहा कि उन्हें ‘मेगास्टार’ की उपाधि पसंद नहीं है, उन्हें लगता है कि उनके जाने के बाद लोग उन्हें याद नहीं रखेंगे

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