Maharashtra Assembly Election Results 2024: ठाकरे परिवार के पुनर्मिलन की चर्चा, क्या राज-उद्धव फिर आएंगे साथ?
Maharashtra Assembly Election Results 2024: महाराष्ट्र चुनाव में महायुति की जीत के बाद राज और उद्धव ठाकरे के राजनीतिक भविष्य पर सवाल। क्या बाल ठाकरे की विरासत बचाने के लिए दोनों फिर से एक होंगे?
Maharashtra Assembly Election Results 2024: महायुति की प्रचंड जीत और ठाकरे परिवार का पतन
Maharashtra Assembly Election Results 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में महायुति गठबंधन ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की। लेकिन इस जीत ने ठाकरे परिवार की राजनीतिक स्थिति को गंभीर चुनौती दी है।
- राज ठाकरे: महाराष्ट्र नव निर्माण सेना (मनसे) पूरी तरह साफ हो गई।
- उद्धव ठाकरे: शिवसेना (यूबीटी) भी राजनीतिक दौड़ में पिछड़ गई।
Maharashtra Assembly Election Results 2024: राज ठाकरे: एक समय का उदय और अब पतन
राज ठाकरे ने 2006 में महाराष्ट्र नव निर्माण सेना (मनसे) का गठन किया।
- 2009 में 13 सीटें: पहला चुनाव सफल रहा।
- 2014 में 2 सीटें: लोकप्रियता में गिरावट।
- 2019 में 1 सीट: परिवार से दूरी ने असर दिखाया।
- 2024 में 0 सीटें: पार्टी पूरी तरह सिमट गई।
यहां तक कि उनके बेटे अमित ठाकरे भी अपना पहला चुनाव हार गए।
Maharashtra Assembly Election Results 2024: उद्धव ठाकरे: शिवसेना का बिखराव
2019 में मुख्यमंत्री बनने के लिए बीजेपी का साथ छोड़ने वाले उद्धव को भारी राजनीतिक कीमत चुकानी पड़ी।
- एकनाथ शिंदे का उभार: उद्धव ठाकरे की पार्टी टूट गई, और शिंदे ने शिवसेना का नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया।
- 2024 में स्थिति: चुनाव परिणामों ने साफ कर दिया कि महाराष्ट्र में अब असली शिवसेना का वारिस एकनाथ शिंदे को माना जा रहा है।
Maharashtra Assembly Election Results 2024: क्या राज और उद्धव फिर होंगे एकजुट?
ठाकरे परिवार के भीतर बंटवारे ने बाल ठाकरे की राजनीतिक विरासत को कमजोर कर दिया है।
- राजनीतिक बंटवारा: वोटों के बंटने से शिवसेना और मनसे दोनों कमजोर हो गए।
- संभव समाधान: अगर राज और उद्धव ठाकरे एकजुट होते हैं, तो यह उनके राजनीतिक पुनर्निर्माण का आधार बन सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे” वाली सलाह इस संदर्भ में प्रासंगिक लगती है।
Maharashtra Assembly Election Results 2024: शिवसेना की विरासत बचाने का रास्ता
अगर ठाकरे परिवार अपनी खोई हुई पहचान वापस पाना चाहता है, तो पुनर्मिलन ही इसका रास्ता हो सकता है।
- संघर्ष का सबक: परिवार और पार्टी के बंटवारे का नुकसान 2024 के परिणामों ने दिखा दिया है।
- एकजुटता की जरूरत: बाल ठाकरे की विरासत को बचाने के लिए ठाकरे परिवार को फिर से एकजुट होना पड़ेगा।
निष्कर्ष
2024 का विधानसभा चुनाव ठाकरे परिवार के लिए एक चेतावनी है। शिवसेना और मनसे के लिए यह राजनीतिक पुनर्विचार और पुनर्गठन का समय है।
Read More: Delhi: गाजीपुर नाले में डूबने से युवक की मौत, परिवार को मिलेगा 10 लाख का मुआवजा