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गाजियाबाद में स्लॉटर हाउस से 57 बच्चे छुड़ाए

गाजियाबाद में स्लॉटर हाउस से 57 बच्चे छुड़ाए

अमर सैनी

नोएडा। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग और पुलिस टीम ने बुधवार को गाजियाबाद में एक स्लॉटर हाउस पर छापा मारा है। टीमों ने यहां से 57 नाबालिगों को रेस्क्यू किया है। इसमें 31 लड़कियां और 26 लड़के शामिल हैं। इन सभी से यहां पर पशु काटने का काम कराया जा रहा था।

आयोग के चेयरमैन प्रियंक कानूनगो ने बताया कि गाजियाबाद के मसूरी इलाके में इंटरनेशनल एग्रो फूड नाम से स्लॉटर हाउस है, जिसके मालिक यासीन कुरैशी हैं। इसके बारे में काफी दिनों से सूचनाएं आ रही थीं। पुख्ता इनपुट मिलने पर बुधवार को छापामार कार्रवाई की गई। जिन 57 नाबालिगों को रेस्क्यू किया गया है, उनकी उम्र का सत्यापन कराया जा रहा है।प्रियंक कानूनगो ने बताया कि मिशन मुक्ति संस्था ने इस बारे में हमें शिकायत दी थी। जिसके बाद यूपी पुलिस को साथ लेकर कार्रवाई की गई है। ये पता किया जा रहा है कि बच्चे कहां के रहने वाले हैं।गाजियाबाद पुलिस के ADCP (क्राइम) सच्चिदानंद ने बताया, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को एक शिकायत प्राप्त हुई कि स्लॉटर हाउस में पश्चिम बंगाल और बिहार से 40 बच्चों को लाकर अमानवीय तरीके से काम लिया जा रहा है।इस शिकायत पर एक पुलिस टीम गठित की गई और आज छापेमारी की गई। इस संयुक्त कार्रवाई में पुलिस, प्रशासन, आयोग की टीम मौजूद रही। इन टीमों को बहुत ही अमानवीय हालत में बच्चे काम करते हुए पाए गए। इस मामले में लेबर एक्ट और आईपीसी की धाराओं में कार्रवाई की जा रही है।

10-15 हजार का लालच देकर लाए गए
करीब तीन घंटे तक ये कार्रवाई चली। पुलिस ने बताया कि अब इन सभी बच्चों का मेडिकल कराया जा रहा है। इसके बाद इन्हें सीडब्लूसी के समक्ष पेश किया जाएगा। स्लॉटर हाउस में पशुओं का कटान करके उसकी पैकेजिंग की जाती है, जो विदेशों को सप्लाई होता है। बच्चों से पूछताछ में पता चला है कि उन्हें 10-15 हजार रुपए नौकरी का लालच देकर बिहार, पश्चिम बंगाल, यूपी के मुरादाबाद-बरेली से यहां पर लाया गया था।

स्लॉटर हाउस मालिक पर होगी कार्रवाई
पुलिस ने बताया कि इंटरनेशनल एग्रो फूड का मुख्य कारोबार मीट प्रोसेसिंग, फ्रीजिंग और अन्य देशों में एक्सपोर्ट करने का है। इस स्लॉटर हाउस का मालिक यासीन कुरैशी है। जिसके विरुद्ध विधिक कार्रवाई की जा रही है। इस पूरी कार्रवाई में राष्ट्रीय बाल अधिकार एवं संरक्षण आयोग, शिकायतकर्ता मुक्ति फाउंडेशन की टीम, पुलिस, प्रशासन, चाइल्डलाइन, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट, श्रम विभाग की टीमें शामिल रहीं।

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