प्रगति-2024 के जरिये आयुर्वेद के भविष्य को मिलेगा आकार : सीसीआरएएस
-आयुर्वेद और हर्बल उद्योग के क्षेत्र में भारत की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी

नई दिल्ली, 28 मई : केंद्रीय आयुष मंत्रालय के तहत स्वायत्त निकाय, केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस) ने मंगलवार को प्रगति- 2024 कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसका उद्देश्य आयुर्विज्ञान एवं तकनीकी नवाचार में फार्मा अनुसंधान के अवसर प्रदान करना और सीसीआरएएस व आयुर्वेद दवा उद्योग के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है। ताकि आयुर्वेद के भविष्य को नया आकार दिया जा सके।
इस अवसर पर आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि दवा उद्योगों के लिए आयुर्वेद के क्षेत्र में विस्तार और उन्नति की अपार संभावनाएं हैं जो नए चिकित्सकों और स्टार्टअप्स के आने से जबरदस्त तेजी से विकसित होंगी। वहीं, सीसीआरएएस के महानिदेशक, प्रो. रविनारायण आचार्य ने भारत और दुनिया भर में आयुष उत्पादों, विशेष रूप से आयुर्वेद की बढ़ती लोकप्रियता पर प्रकाश डाला। इस दौरान डॉ. कौस्तुभ उपाध्याय ने कहा, आयुष उत्पादों की गुणवत्ता मूल रूप से कठोर शोध पर आधारित है जिन्हें शोध-आधारित, उच्च-गुणवत्ता वाले, सुरक्षित और प्रभावी जड़ी बूटियों से विकसित किया जाता है। कार्यक्रम में करीब 37 फार्मा कंपनियों के सीईओ, एमडी, निदेशक और अनुसंधान इकाइयों के प्रमुखों के अलावा आयुष मंत्रालय की संयुक्त सचिव कविता गर्ग ने भी शिरकत की।