नई दिल्ली, 18 अगस्त: डॉक्टरों के विरोध मार्च के दौरान ‘आजादी, आजादी’ के नारे गूंजने से डॉक्टरों का आंदोलन न सिर्फ सियासी हो चला है। बल्कि टुकड़े -टुकड़े गैंग की भी एंट्री हो गई है।
फोर्डा के अध्यक्ष डॉ अविरल माथुर ने रविवार को कहा , डॉक्टरों की हड़ताल और विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य कार्य स्थल पर डॉक्टर समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करना है न कि सियासी माहौल बनाना है। उन्होंने शनिवार को डॉक्टरों की ओर से लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज से जंतर-मंतर तक निकाले गए मार्च से संबंधित दो वीडियो पेश करते हुए कहा कि इस विरोध मार्च में माइक पर ‘आजादी, आजादी’ के नारे गूंज रहे हैं। जो गलत है। यह राजनीतिक अतिक्रमण की दुखद स्थिति को दर्शाते हैं। यह पूरी तरह से वामपंथी प्रचार है और हम सभी को इस पर शर्म आनी चाहिए।
उधर, विरोध मार्च के आयोजक फेडरेशन ऑफ आल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ रोहन कृष्णन ने कहा कि प्रदर्शन के दौरान पांच हजार से अधिक लोग मौजूद थे। इस दौरान सभी पर नजर रखनी संभव नहीं थी। संभवतः बाहरी लोग प्रदर्शनकारियों के बीच शामिल हो गए होंगे जिन्होंने इस कृत्य को अंजाम दिया है। उन्होंने कहा, हम न लेफ्टिस्ट हैं न राइट विंगर है और न किसी अन्य विचारधारा के साथ हैं।