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Diabetes Cure AIIMS: टाइप-2 डायबिटीज से मुक्ति में कारगर साबित हो रही मेटाबोलिक सर्जरी, किडनी और हार्ट जैसी अंग विफलताओं पर लगेगी रोक

Diabetes Cure AIIMS: टाइप-2 डायबिटीज से मुक्ति में कारगर साबित हो रही मेटाबोलिक सर्जरी, किडनी और हार्ट जैसी अंग विफलताओं पर लगेगी रोक

नई दिल्ली। अब तक मोटापे से निजात दिलाने वाली बैरिएट्रिक सर्जरी अब मेटाबोलिक सर्जरी के रूप में टाइप-2 डायबिटीज को नियंत्रित करने में कारगर साबित हो रही है। एम्स दिल्ली के सर्जरी विभाग के डॉ. मंजूनाथ मारुति पोल ने पिछले एक साल में इस सर्जरी के जरिए करीब 35 मरीजों को डायबिटीज से मुक्ति दिलाने में सफलता पाई है। इनमें 16 साल के किशोर से लेकर 65 साल के बुजुर्ग शामिल हैं।

डॉ. मंजूनाथ के अनुसार, जब मधुमेह नियंत्रित नहीं होता और खून में ग्लूकोज का स्तर लंबे समय तक उच्च रहता है, तो इससे किडनी, लिवर और हार्ट जैसे महत्वपूर्ण अंगों में विफलता का खतरा बढ़ जाता है। सामान्य उपचार, दवाएं और जीवनशैली परिवर्तन से जब डायबिटीज नियंत्रण में नहीं आती, तब मेटाबोलिक सर्जरी मरीज के लिए वरदान साबित होती है। इस सर्जरी से मरीज का जीवन लंबा और स्वस्थ बनता है, साथ ही डायलिसिस, किडनी ट्रांसप्लांट, स्ट्रोक, हार्ट स्टेंट और रेटिनोपैथी जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव होता है।

मेटाबोलिक सर्जरी में पेट और छोटी आंत के मार्ग को बदलकर एक छोटी थैली बनाई जाती है और छोटी आंत का हिस्सा सीधे इस थैली से जोड़ा जाता है। इससे एंटी डायबिटीज हार्मोन जैसे GLP, Peptide YY और Adiponectin का स्राव बढ़ता है, जो इंसुलिन प्रतिरोध को सुधारता है और टाइप-2 डायबिटीज को नियंत्रित या समाप्त करता है।

यह सर्जरी 16 साल के किशोर से लेकर 65 साल तक के बुजुर्गों के लिए उपयुक्त है, खासकर उन लोगों के लिए जो आठ साल या उससे अधिक समय से डायबिटीज से पीड़ित हैं और इंसुलिन ले रहे हैं। हालांकि, कुछ मामलों में जैसे 25 साल का युवा जो 100 यूनिट इंसुलिन लेता है या 6.5 हीमोग्लोबिन वाले व्यक्ति, इसके लिए सर्जरी उपयुक्त नहीं है।

डॉ. मंजूनाथ ने कहा कि मेटाबोलिक सर्जरी महंगी होने के बावजूद किफायती साबित होती है क्योंकि यह अंग विफलता और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को रोकती है। एम्स दिल्ली में यह निशुल्क उपलब्ध है, जबकि निजी अस्पतालों में लेप्रोस्कोपिक माध्यम से तीन से छह लाख और रोबोटिक माध्यम से छह से आठ लाख रुपए में होती है।

उन्होंने यह भी बताया कि सर्जरी कराने के लिए समर्पित केंद्र का चयन आवश्यक है ताकि सर्जरी के बाद संभावित जटिलताओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जा सके। इसके अलावा, जीवनशैली संतुलित और स्वस्थ रखें, अधिकता से बचें, और नियमित व्यायाम व सही आहार अपनाएं ताकि टाइप-2 डायबिटीज से बचा जा सके।

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