Noida: फोनरवा चुनाव में केवल वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद पर होगा मुकाबला, शेष पद निर्विरोध

Noida: फोनरवा चुनाव में केवल वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद पर होगा मुकाबला, शेष पद निर्विरोध
नोएडा। फेडरेशन ऑफ नोएडा रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (फोनरवा) के आगामी चुनाव में इस बार केवल वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद पर ही मुकाबला होगा, जबकि शेष सभी पदों पर सर्वसम्मति से उम्मीदवार निर्विरोध चुने जाएंगे। फोनरवा के चुनाव इतिहास में यह पांचवां मौका है जब अध्यक्ष और महासचिव पद पर उम्मीदवार निर्विरोध चुने जा रहे हैं।
सेक्टर-22 के आरडब्ल्यूए अध्यक्ष विजय सिंह चौहान ने गुरुवार को वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद के लिए नामांकन पत्र जमा किया है। उन्होंने दावा किया है कि वह इस पद पर चुनाव लड़ेंगे और विपक्षी पैनल की ओर से मैदान में हैं। चुनाव अधिकारी सेवानिवृत्त कर्नल शशि वैद्य ने बताया कि अब तक कुल 23 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किए हैं। इनमें 22 नामांकन योगेंद्र शर्मा पैनल के हैं, जबकि 23वां नामांकन विजय सिंह चौहान का है। नामांकन फार्म पांच से छह दिसंबर की शाम पांच बजे तक जमा किए जा सकेंगे। 7 दिसंबर को प्रत्याशियों की सूची जारी होगी, 8 दिसंबर को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी, 9 दिसंबर को नामांकन वापस लिए जा सकेंगे और 10 दिसंबर को अंतिम सूची जारी की जाएगी। मतदान 14 दिसंबर को सुबह दस बजे से दो बजे तक होगा, इसके बाद मतगणना कर विजेताओं की घोषणा की जाएगी।
इस बार के चुनाव में पहले की तुलना में कम सरगर्मी देखने को मिल रही है। फोनरवा में विवादों और प्रतिद्वंद्विता की लंबी परंपरा रही है। वर्ष 2006 में एनपी सिंह और सुरेश तिवारी के बीच चुनाव हुआ था, जिसमें एनपी सिंह पैनल विजयी रहा। उसके बाद मुन्ना शर्मा महासचिव पद पर जीत हासिल की। इसके बाद कई चुनावों में सर्वसम्मति से पदाधिकारी चुने गए। 2012 में दिनेश भाटी के पैनल ने चुनाव लड़ा लेकिन हार का सामना किया। वर्ष 2014 में सर्वसम्मति से चुनाव हुए, लेकिन इसके बाद सेक्टर-20 और सेक्टर-19 के आरडब्ल्यूए अध्यक्षों ने एक साल तक कानूनी लड़ाई लड़ी और चुनाव करवाया।
2015 में दिनेश भाटी पैनल को पांच पदों पर जीत मिली, जबकि एनपी सिंह पैनल अन्य पदों पर विजयी रहा। 2017 और 2019 के चुनावों में पैनल प्रतिद्वंद्विता बढ़ी। 2019 में त्रिकोणीय मुकाबला हुआ, जिसमें योगेंद्र शर्मा पैनल ने कुल 21 पदों में से 14 पदों पर जीत हासिल की। उसके बाद 2021 और 2023 के चुनावों में योगेंद्र शर्मा का पैनल पूरी तरह विजयी रहा।
इस बार भी अध्यक्ष पद पर योगेंद्र शर्मा और महासचिव पद पर केके जैन निर्विरोध चुने जाने वाले हैं। अन्य प्रमुख पदों पर भी उनके पैनल के सदस्य ही मैदान में हैं। वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद के लिए विजय सिंह चौहान और उनकी टीम मुकाबला करेंगे। फोनरवा का गठन वर्ष 2000 में हुआ था, 2002 में पंजीकरण और सर्वसम्मति से पदाधिकारियों का गठन हुआ। उसके बाद 2002, 2004, 2008, 2010 में निर्विरोध चुनाव हुए, जबकि 2006, 2012, 2015, 2017, 2019, 2021 और 2023 में प्रतिस्पर्धी चुनाव हुए।
इस चुनाव में लगातार चौथी बार योगेंद्र शर्मा और केके जैन की जोड़ी निर्विरोध चुनी जाएगी, जिससे फोनरवा में उनकी मजबूत पकड़ का संकेत मिलता है।
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