Bharat Utkarsh Mahayagya: विद्वान और आचार्य भारतीय संस्कृति के वास्तविक स्तंभ: भारत उत्कर्ष महायज्ञ में हुआ विशेष मिलन

Bharat Utkarsh Mahayagya: विद्वान और आचार्य भारतीय संस्कृति के वास्तविक स्तंभ: भारत उत्कर्ष महायज्ञ में हुआ विशेष मिलन
नोएडा। सेक्टर–110 स्थित रामलीला मैदान में पिछले सात दिनों से आयोजित भारत उत्कर्ष महायज्ञ के दौरान आज एक विशेष और प्रेरणादायक क्षण देखने को मिला। महर्षि महेश योगी संस्थान के अध्यक्ष श्री अजय प्रकाश श्रीवास्तव ने यज्ञ स्थल पर उपस्थित विद्वान आचार्यों, ब्रह्मचारियों और ऋत्विजों से व्यक्तिगत रूप से मुलाक़ात की और उनके योगदान के लिए आभार व्यक्त किया।
श्री श्रीवास्तव ने प्रत्येक विद्वान और आचार्य के साथ संवाद करते हुए उनके प्रयास, तपस्या और ज्ञान के लिए नमन किया। उन्होंने कहा कि “यही विद्वान, आचार्य और ऋत्विज भारतीय संस्कृति के वास्तविक स्तंभ हैं। उनकी तपस्या, साधना और ऊर्जा के कारण ही इतना विराट और प्रभावशाली आयोजन संभव हो पाता है। महर्षि संस्थान उनके प्रति हृदय से कृतज्ञ है।”
इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि भारत उत्कर्ष महायज्ञ का उद्देश्य केवल धार्मिक अनुष्ठान तक सीमित नहीं है, बल्कि विश्व शांति, सामूहिक चेतना, नैतिक उत्थान और समाज में आध्यात्मिक संदेश को पहुँचाना है। विद्वानों और आचार्यों के मार्गदर्शन से यज्ञ की पवित्रता, विधि-विधान और शुद्धता सुनिश्चित होती है।
विद्वान आचार्यों ने भी श्री श्रीवास्तव को आशीर्वाद देते हुए कहा कि महर्षि महेश योगी के सिद्धांतों के अनुसार ऐसा आयोजन समाज के आध्यात्मिक और नैतिक पुनरुत्थान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने संस्थान और आयोजन समिति की इस दिव्य पहल की सराहना की।
कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित श्रद्धालुओं ने इस संवादपूर्ण मुलाक़ात को बेहद प्रेरणादायी बताया। उनका कहना था कि अध्यक्ष महोदय और आचार्यों के बीच हुई यह भेंट यज्ञ में विश्वास, सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक उत्साह को बढ़ाने में सहायक रही।
भारत उत्कर्ष महायज्ञ के 10 दिवसीय कार्यक्रम में प्रतिदिन यज्ञ, वेदपाठ, ध्यान, सत्संग और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। महायज्ञ 25 नवंबर तक चलेगा और इसमें भाग लेने के लिए प्रवेश पूरी तरह निःशुल्क है। यह आयोजन न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि समाज में एक सकारात्मक चेतना और नैतिक संदेश फैलाने में भी अहम भूमिका निभा रहा है।
इस महायज्ञ से जुड़े आयोजन समिति के अनुसार, महायज्ञ का व्यापक प्रभाव समाज में आध्यात्मिक जागरूकता को बढ़ाने, युवा पीढ़ी में नैतिक मूल्यों को स्थापित करने और समुदाय में सामूहिक चेतना विकसित करने में देखने को मिलेगा।
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