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Humane Sagar Biography: ह्यूमेन सागर, ओडिया संगीत की आधुनिक पहचान बनने वाली उस अनोखी आवाज़ को सलाम

Humane Sagar Biography: ह्यूमेन सागर, ओडिया संगीत की आधुनिक पहचान बनने वाली उस अनोखी आवाज़ को सलाम
ओडिया संगीत जगत इन दिनों गहरे शोक में है। अपनी दिलकश आवाज़ और भावपूर्ण गायकी से लाखों दिलों को जीत चुके ह्यूमेन सागर अब इस दुनिया में नहीं रहे। 17 नवंबर 2025 को मात्र 34 वर्ष की आयु में एम्स भुवनेश्वर में मल्टी-ऑर्गन डिसफंक्शन सिंड्रोम के कारण उनका असामयिक निधन हो गया। उनके जाने से ओडिया संगीत ने वह स्वर खो दिया जिसने एक दशक तक इंडस्ट्री पर अपना जादू बिखेरा। आज जब पूरा ओडिशा उन्हें याद कर रहा है, आइए उनके संपूर्ण सफर को विस्तार से समझते हैं।
1990 में जन्मे ह्यूमेन सागर बचपन से ही संगीत के वातावरण में पले-बढ़े। उनके माता-पिता दोनों गायक थे और दादा निजी संगीत एल्बम बनाया करते थे। परिवार की इस संगीत-समृद्ध विरासत ने बचपन से ही सागर को सुरों के बेहद करीब रखा। पढ़ाई में होनहार सागर ने न केवल एमबीबीएस प्रवेश परीक्षा पास की बल्कि डॉक्टर बनने की राह भी पकड़ ली थी। लेकिन पहले वर्ष के बाद उन्हें एहसास हुआ कि उनकी आत्मा संगीत में बसती है, और उन्होंने साहसिक निर्णय लेते हुए पढ़ाई छोड़कर अपना जीवन गायकी को समर्पित कर दिया।

उनका असली सफर 2012 में शुरू हुआ, जब उन्होंने तरंग टीवी के लोकप्रिय रियलिटी शो “वॉयस ऑफ़ ओडिशा” सीज़न 2 में हिस्सा लिया और अपनी अनोखी आवाज़ के दम पर विजेता बने। उनकी गायकी में गहरी भावनाएँ, अद्भुत रेंज और सरलता एक साथ मिलकर ऐसा जादू पैदा करती थीं जिसने दर्शकों को पहली ही बार से अपना बना लिया। इस शो में उनकी मुलाक़ात साथी प्रतियोगी श्रेया मिश्रा से हुई, जिनसे वे बाद में 2017 में विवाह बंधन में बंधे। इस दंपती की एक बेटी भी है।
सागर का बॉलीवुड शैली के ओडिया संगीत में सफ़र 2015 में फिल्म इश्क तू ही तू के टाइटल ट्रैक से शुरू हुआ। यह गीत इतनी बड़ी हिट साबित हुआ कि उन्हें मुख्यधारा के पार्श्व गायक के रूप में रातोंरात पहचान मिल गई। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने बेबी, अभय, अगस्त्य, दिल दिया है जान भी देंगे जैसी अनेक फिल्मो के लिए हिट गाने दिए।
फिल्मी गीतों के अलावा उनके स्वतंत्र एल्बम जैसे तुमा ओठा तले, निस्वसा, चेहरा, बेखुदी, और हिंदी गीत मेरा ये जहां ने उनकी लोकप्रियता को ओडिशा से बाहर भी पहुंचाया।

जहाँ करियर बुलंदियों पर था, वहीं निजी जीवन में उन्हें कई चुनौतियों से गुजरना पड़ा। 2023 में उनकी पत्नी द्वारा लगाए गए घरेलू हिंसा, दहेज मांग और धार्मिक दबाव से जुड़े आरोपों ने उन्हें कानूनी और मानसिक रूप से परेशान किया। यह विवाद लंबे समय तक मीडिया की सुर्खियों में रहा और इस दौरान उनका निजी जीवन काफी प्रभावित हुआ।
पिछले कुछ समय से सागर कई स्वास्थ्य जटिलताओं से जूझ रहे थे। लगातार गिरती सेहत ने उन्हें कमजोर कर दिया और अंततः 17 नवंबर को उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन से ओडिया संगीत मशाल का एक चमकदार दीपक हमेशा के लिए बुझ गया।
ह्यूमेन सागर सिर्फ एक गायक नहीं थे, बल्कि वह आवाज़ थे जिसने सुनने वालों को अपने सुरों से जोड़कर रखा। उनकी गायकी ने आधुनिक ओडिया संगीत को नई ऊंचाई और नई पहचान दी। आज वह भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी आवाज़ और उनके गीत सदैव जीवित रहेंगे।

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