Noida: नोएडा में दर्दनाक घटना, जीबीयू छात्र ने मानसिक तनाव में छत से कूदकर दी जान

Noida: नोएडा में दर्दनाक घटना, जीबीयू छात्र ने मानसिक तनाव में छत से कूदकर दी जान
नोएडा के गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय (जीबीयू) परिसर में बुधवार रात एक अत्यंत दुखद और चिंताजनक घटना हुई। मनोविज्ञान विभाग के बीए द्वितीय वर्ष के छात्र धीरज तिवारी (20) ने छात्रावास की चौथी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। इस घटना ने विश्वविद्यालय परिसर और छात्र समुदाय में शोक और स्तब्धता फैला दी है।
पुलिस के अनुसार, धीरज पिछले कई महीनों से गहरे अवसाद में था और वह मानसिक तनाव से जूझ रहा था। बताया जा रहा है कि वह नियमित रूप से दवाइयों का सेवन कर रहा था और विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से उसे काउंसलिंग भी दी जा रही थी। बावजूद इसके, उसकी मानसिक स्थिति में कोई विशेष सुधार नहीं हुआ।
घटना रामशरणदास हॉस्टल की है, जहां सौ से अधिक छात्र रहते हैं। रात करीब साढ़े 11 बजे सहपाठियों ने धीरज को चौथी मंजिल की बालकनी से कूदते देखा। तुरंत हॉस्टल प्रशासन और पुलिस को सूचना दी गई। धीरज को तुरंत जिम्स अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मृतक हरियाणा के सोनीपत जिले के उत्तम नगर का निवासी था। पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने शव परिजनों को सौंप दिया, और देर रात परिजन अपने पैतृक गांव लौट गए।
छात्रावास में रहने वाले अन्य छात्रों ने बताया कि धीरज अक्सर चुपचाप रहता और दूसरों से बातचीत से बचता था। मानसिक तनाव और अवसाद की वजह से वह अकेलापन महसूस करता था। विश्वविद्यालय प्रशासन ने उसे नियमित काउंसलिंग की सुविधा प्रदान की थी, लेकिन दुर्भाग्यवश यह प्रयास उसकी जीवन रक्षा के लिए पर्याप्त नहीं साबित हो पाया।
ईकोटेक-1 कोतवाली प्रभारी अरविंद वर्मा ने बताया कि प्रारंभिक जांच में मामला आत्महत्या का प्रतीत होता है। उन्होंने कहा कि परिजनों ने अभी तक कोई शिकायत नहीं दी है। यदि शिकायत दी जाती है तो पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी।
इस दुखद घटना ने छात्रों और विश्वविद्यालय प्रशासन को मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर गंभीर रूप से सोचने पर मजबूर कर दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि युवा छात्रों में अवसाद और तनाव की समस्या को समय पर पहचानना और उचित काउंसलिंग एवं मनोवैज्ञानिक सहायता देना अत्यंत आवश्यक है।





