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Calibration Flight: नोएडा एयरपोर्ट पर टेस्ट फ्लाइट की सफल लैंडिंग, जल्द होगा उद्घाटन

Calibration Flight: नोएडा एयरपोर्ट पर टेस्ट फ्लाइट की सफल लैंडिंग, जल्द होगा उद्घाटन

रिपोर्ट: अजीत कुमार

कैलिब्रेशन फ्लाइट एक अनिवार्य परीक्षण प्रक्रिया है जो हवाई अड्डों और विमानन उपकरणों की सटीकता तथा विश्वसनीयता की पुष्टि करने के लिए की जाती है। इस परीक्षण का मुख्य उद्देश्य एयर नेविगेशन और कम्युनिकेशन सिस्टम्स जैसे इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS), रडार और अन्य ग्राउंड-बेस्ड उपकरणों की जांच करना होता है। इन उड़ानों के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाता है कि ज़मीनी नेविगेशन उपकरण अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों के अनुरूप काम कर रहे हैं। किसी भी हवाई अड्डे को वाणिज्यिक संचालन की अनुमति देने से पहले इन कैलिब्रेशन फ्लाइट्स का सफलतापूर्वक पूरा होना आवश्यक होता है।

कैलिब्रेशन प्रक्रिया में प्री-कैलिब्रेशन ब्रीफिंग, फ्लाइट इंस्पेक्शन और डेटा एनालिसिस जैसे कई चरण शामिल होते हैं। इस दौरान विशेष रूप से सुसज्जित विमान निर्धारित पैटर्न में उड़ान भरते हैं ताकि अलग-अलग ऊँचाइयों और कोणों से नेविगेशन सिस्टम की जांच की जा सके। विमान में लगे अत्याधुनिक और संवेदनशील उपकरण प्रत्येक सिस्टम से सटीक डेटा रिकॉर्ड करते हैं। उड़ान पूरी होने के बाद एकत्रित डेटा का गहन विश्लेषण किया जाता है, जिसमें सिग्नल की ताकत, निरंतरता, स्थिरता और सटीकता की जांच की जाती है। आवश्यकता पड़ने पर ज़मीनी उपकरणों में समायोजन किए जाते हैं ताकि सभी सिस्टम इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन (ICAO) जैसे अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप कार्य करें।

इन विमानों को आमतौर पर दो अनुभवी पायलटों और एक फ्लाइट इंस्पेक्टर द्वारा उड़ाया जाता है, जो प्रत्येक मापदंड पर विशेष ध्यान देते हैं। कैलिब्रेशन फ्लाइट न केवल नए हवाई अड्डों के लिए बल्कि पहले से परिचालित हवाई अड्डों के नियमित निरीक्षण के लिए भी अत्यंत आवश्यक होती हैं। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि नेविगेशन और संचार प्रणाली सटीक रूप से कार्य कर रही हैं, जिससे विमान सुरक्षित रूप से टेकऑफ और लैंडिंग कर सकें।

ममूटी ने कहा कि उन्हें ‘मेगास्टार’ की उपाधि पसंद नहीं है, उन्हें लगता है कि उनके जाने के बाद लोग उन्हें याद नहीं रखेंगे

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