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Gopashtami Celebration: सिद्ध पीठ श्री सीताराम संत सेवा मंदिर एवं गौशाला में धूमधाम से मनाई गई गोपाष्टमी 

Gopashtami Celebration: सिद्ध पीठ श्री सीताराम संत सेवा मंदिर एवं गौशाला में धूमधाम से मनाई गई गोपाष्टमी 


रिपोर्ट: रवि डालमिया

पूर्वी दिल्ली के कृष्णा नगर विधानसभा क्षेत्र स्थित चंदू पार्क पुरानी अनारकली कॉलोनी के “सिद्ध पीठ श्री सीताराम संत सेवा मंदिर एवं गौशाला” में मंगलवार, 30 अक्टूबर को गोपाष्टमी का पावन पर्व बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया गया। यह उत्सव महामंडलेश्वर श्री राम गोविंद दास महात्यागी जी महाराज और वृंदावन के प्रमुख आचार्यों के पावन सानिध्य में संपन्न हुआ। कार्तिक मास के इस विशेष अवसर पर बड़ी संख्या में भक्तों ने भाग लिया और विधिवत गौ पूजा कर अपने परिवार, समाज और राष्ट्र की समृद्धि की प्रार्थना की। कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक मंत्रोच्चार और गौ माताओं के अभिषेक से हुआ।

भक्तों ने फूल, दीपक और नैवेद्य अर्पित कर गौ माता की आरती की। गौशाला परिसर भक्ति संगीत और भजन कीर्तन से गुंजायमान हो उठा, जिससे वातावरण में एक दिव्य ऊर्जा का संचार हुआ। इस पावन अवसर पर वृंदावन से आए प्रमुख गौ सेवक आचार्य रामबली और आचार्य बालमुकुंद के साथ-साथ भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ दिल्ली प्रदेश के सहसंयोजक राजीव शर्मा, समाजसेवी विजय गुप्ता, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा शाहदरा जिला अध्यक्ष विपिन जैन, बुराड़ी के ब्राह्मण नेता महेंद्र कौशिक, राजेश्वर भारद्वाज, महिपाल सिंह, तपेश्वर भारद्वाज, गुरुदेव अवस्थी, ज्ञानेश्वर भारद्वाज, संजय शर्मा (नर सेवा–नारायण सेवा), नारायण दास और पंडित समीर भूषण सहित कई श्रद्धालु मौजूद रहे। श्री महंत एवं महामंडलेश्वर श्री राम गोविंद दास महात्यागी जी महाराज ने गौ पूजा के बाद भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि कार्तिक मास की अष्टमी का यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की स्मृति में मनाया जाता है।

जब भगवान ने गौ, गोप और गोपियों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत धारण किया, तब से इस दिन को गोपाष्टमी के रूप में मनाया जाने लगा। उन्होंने कहा कि गौ माता के पूजन से सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है, क्योंकि गौ में 33 कोटि देवताओं का वास माना गया है। आचार्य रामबली ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की अष्टमी के शुभ मुहूर्त में गायों की सेवा का शुभारंभ किया था, इसलिए यह दिन गोपाष्टमी कहलाया। महंत श्री राम गोविंद दास महात्यागी जी ने आगे कहा कि हिन्दू धर्म एक ऐसा धर्म है जिसमें प्रत्येक जीवात्मा पूजनीय है।

गौ माता का महत्व केवल धार्मिक नहीं, बल्कि वैज्ञानिक भी है — जहां गौ माता का वास होता है, वहां रोगाणुओं और विषाणुओं का प्रभाव कम हो जाता है। उन्होंने बताया कि गौ सेवा से न केवल आत्मिक शांति प्राप्त होती है, बल्कि घर में सुख, समृद्धि और सौभाग्य का वास भी होता है। गोपाष्टमी के इस पवित्र पर्व ने भक्तों के हृदय में भक्ति, करुणा और कृतज्ञता की भावना को और गहरा कर दिया।

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