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उत्तर प्रदेश, नोएडा: नोएडा में बड़ा एक्शन, दो निर्माण परियोजनाओं पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगा

उत्तर प्रदेश, नोएडा: नोएडा में बड़ा एक्शन, दो निर्माण परियोजनाओं पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगा

अजीत कुमार
उत्तर प्रदेश, नोएडा।नोएडा में बढ़ते प्रदूषण के कारण ग्रेप की पहली स्टेज लागू कर दी गई है। निगरानी के लिए प्राधिकरण और क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम लगातार सक्रिय है। ग्रेप-1 के नियमों का उल्लंघन करने पर दो निर्माणाधीन प्रोजेक्ट्स को 10-10 लाख रुपये का जुर्माना किया गया है। इनमें से पहला आईएसजीईसी हैवी लिमिटेड, प्लाट नंबर 4, सेक्टर-142 नोएडा में है, जबकि दूसरा एक्सप्रेस इंफ्रा वे, प्लाट नंबर आईसी, सेक्टर-142 में स्थित है।

निरीक्षण के दौरान पता चला कि दोनों कंपनियों में निर्माण कार्य जारी था। निर्माण सामग्री सड़क के किनारे बिना किसी आवरण के खुली हालत में रखी गई थी। उस पर ग्रीन नेट से ढकाव और पानी का उचित छिड़काव नहीं किया गया था। दोनों जगहों पर एनटीजी के नियमों का स्पष्ट रूप से उल्लंघन देखा गया। इसलिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कड़ी आर्थिक सजा लगाई है और भविष्य में भी ऐसे उल्लंघनों पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।दिल्ली एनसीआर और आसपास के इलाकों में एक्यूआई स्तर खराब श्रेणी में पहुंचते ही शहर में ग्रेप-1 लागू कर दिया गया है। प्रदूषण कम करने के लिए प्राधिकरण की 14 टीमों ने सेक्टरों और गांवों में जांच-पड़ताल की और लोगों को ग्रेप के दिशा-निर्देश तथा एनजीटी के नियमों का पालन करने के लिए जागरूक किया। नोएडा क्षेत्र में वायु प्रदूषण नियंत्रण के तहत सभी मुख्य सड़कों पर 20 टैंकर और 10 ट्रक-माउंटेड एंटी स्मॉग गन से 120 किलोमीटर इलाके में शोधित जल का छिड़काव किया गया है।
इससे सड़कों पर उड़ने वाली धूल को कुशलता से नियंत्रित किया जा सके। जन स्वास्थ्य विभाग ने 14 मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनों की मदद से 340 किलोमीटर मुख्य रास्तों की सफाई कर वायु प्रदूषण को कम किया। वहीं, उद्यान विभाग ने 5 टैंकरों के जरिए सेंट्रल वर्ज पर लगे पेड़-पौधों की धुलाई का काम सम्पन्न कराया।
निर्माणाधीन साइटों पर 50 एंटी स्मॉग गन मशीनों का उपयोग किया जा रहा है। प्रदूषण नियंत्रण के लिए प्राधिकरण की 14 टीमें प्रतिदिन विभिन्न निर्माण परियोजनाओं, सड़कों और खुले स्थानों का निरीक्षण कर रही हैं। उन निर्माण स्थलों पर निर्माण सामग्री को ग्रीन नेट से ढका जाता है, पानी छिड़का जाता है, और साइट के आस-पास मेटल शीट तथा ग्रीन कारपेट से घेराव किया जाता है।

ममूटी ने कहा कि उन्हें ‘मेगास्टार’ की उपाधि पसंद नहीं है, उन्हें लगता है कि उनके जाने के बाद लोग उन्हें याद नहीं रखेंगे

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