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नई दिल्ली: सर क्रीक सेक्टर में दुस्साहस किया तो पाक का इतिहास और भूगोल दोनों बदल जाएंगे: रक्षा मंत्री 

नई दिल्ली: -शस्त्रों का प्रयोग हमेशा न्याय और धर्म की रक्षा के लिए किया जाना चाहिए

नई दिल्ली, 2 अक्तूबर : विजयादशमी के अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीरवार को गुजरात स्थित भुज सैन्य स्टेशन पर शस्त्र पूजा की। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के रक्षा नेटवर्क में सेंध लगाने के पाकिस्तान के प्रयासों को सफलतापूर्वक विफल करने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों की सराहना की।

राजनाथ सिंह ने कहा, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने लेह से लेकर सर क्रीक सेक्टर तक भारत की सुरक्षा में सेंध लगाने की कोशिश की थी, लेकिन भारतीय सेना की त्वरित और प्रभावी जवाबी कार्रवाई ने ना सिर्फ पाक को भारी नुकसान पहुंचाया। बल्कि पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली की कमजोरियों को उजागर करके, भारत की निर्णायक क्षमता को साबित किया। सेना ने दुनिया को यह स्पष्ट संदेश दिया कि भारत अपनी पसंद के समय, स्थान और तरीके से विरोधी को भारी नुकसान पहुंचा सकता है।

रक्षा मंत्री ने कहा, आजादी के 78 साल बाद भी, पाकिस्तान सर क्रीक सेक्टर पर विवाद पैदा करता रहता है, जबकि भारत इस मुद्दे को बातचीत के जरिए सुलझाने के बार-बार प्रयास कर रहा है। उन्होंने बताया कि सर क्रीक सेक्टर में पाकिस्तान द्वारा हाल ही में सैन्य बुनियादी ढांचे का विस्तार करना, उसकी नापाक मंशा को दर्शाता है। राजनाथ सिंह ने कहा, अगर पाकिस्तान सर क्रीक सेक्टर में कार्रवाई करने की हिम्मत करता है, तो उसका जवाब इतना कड़ा होगा कि वह इतिहास और भूगोल दोनों बदल देगा। 1965 में भारतीय सेना ने लाहौर पहुंचकर साहस दिखाया था और 2025 में पाकिस्तान को याद रखना चाहिए कि कराची का रास्ता भी क्रीक से होकर गुजरता है।

रक्षा मंत्री ने कहा, क्षमता होने के बावजूद भारत ने संयम का परिचय दिया क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य आतंकवाद का मुकाबला करना था, ना कि व्यापक संघर्ष को भड़काना। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के सभी सैन्य उद्देश्यों की सफलतापूर्वक प्राप्ति पर संतोष व्यक्त किया और इस बात की पुष्टि की कि आतंकवाद के विरुद्ध भारत की लड़ाई पूरे संकल्प के साथ जारी रहेगी। उन्होंने ऑपरेशन सिंदू में भाग लेने वाले सैनिकों और अधिकारियों को उनकी रणनीति, साहस और क्षमता के लिए बधाई दी, जिसने किसी भी परिस्थिति में अपने विरोधियों को परास्त करने की भारत की क्षमता को साबित किया।

रक्षा मंत्री ने सशस्त्र बलों से कहा, शस्त्र पूजा केवल एक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि भारत के सभ्यतागत दर्शन का प्रतिबिंब है,जहां हथियारों को केवल हिंसा के साधन नहीं, बल्कि धर्म के साधन माना जाता है। उन्होंने भारतीय परंपरा में शस्त्र पूजा जैसी कई समानताएं बताईं, जहां किसान अपने हल की पूजा करते हैं, छात्र अपनी पुस्तकों का सम्मान करते हैं और सैनिक अपने हथियारों का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा, हथियारों का इस्तेमाल हमेशा न्याय और धर्म की रक्षा के लिए किया जाना चाहिए।

ममूटी ने कहा कि उन्हें ‘मेगास्टार’ की उपाधि पसंद नहीं है, उन्हें लगता है कि उनके जाने के बाद लोग उन्हें याद नहीं रखेंगे

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