Fauja Singh Death: 92 की उम्र में दौड़ना शुरू किया, 114 की उम्र तक दौड़ते रहे, ऐसे थे ‘टर्बन टॉर्नेडो’ फौजा सिंह
Fauja Singh Death: 114 वर्ष की उम्र में दुनिया को अलविदा कहने वाले फौजा सिंह ने 92 की उम्र में मैराथन दौड़ शुरू की थी। जानिए कैसे वह दुनिया के सबसे उम्रदराज़ धावक बने और क्या थी उनकी प्रेरणादायक कहानी।

Fauja Singh Death: 114 वर्ष की उम्र में दुनिया को अलविदा कहने वाले Fauja Singh ने 92 की उम्र में मैराथन दौड़ शुरू की थी। जानिए कैसे वह दुनिया के सबसे उम्रदराज़ धावक बने और क्या थी उनकी प्रेरणादायक कहानी।
Fauja Singh Death: दुनिया के सबसे बुजुर्ग धावक का निधन, 92 की उम्र में शुरू किया था दौड़ना
दुनिया के सबसे उम्रदराज़ मैराथन धावक Fauja Singh का निधन हो गया है। 114 वर्ष की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनका निधन एक सड़क हादसे में हुआ जब वे शाम को टहल रहे थे। पंजाब के जालंधर जिले में हुई इस दुर्घटना के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया।
उनकी प्रेरणादायक कहानी न केवल खेल जगत में, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में उदाहरण बन चुकी है।
बचपन और पारिवारिक जीवन
Fauja Singh का जन्म 1 अप्रैल 1911 को पंजाब के ब्यास गांव में हुआ था। वह बचपन से ही मेहनती और शारीरिक रूप से मजबूत रहे। उन्होंने एक सामान्य ग्रामीण जीवन जिया और खेती-किसानी में लगे रहे।
उनकी शादी ज्ञान कौर से हुई, जिनसे उन्हें छह बच्चे हुए। उनका पारिवारिक जीवन सुखमय रहा, लेकिन 1990 के दशक में लगातार व्यक्तिगत त्रासदियों ने उन्हें तोड़ कर रख दिया।
त्रासदी के बाद नई शुरुआत
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1992: पत्नी का निधन
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1994: सबसे छोटे बेटे कुलदीप की मौत
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1995: बड़ी बेटी की मृत्यु
इन दुखों के बाद उनका जीवन अकेलेपन और मानसिक अवसाद से भर गया। बेटा उन्हें लंदन ले गया, लेकिन वहां भी वे सामाजिक रूप से कटे हुए महसूस करने लगे।
92 की उम्र में दौड़ने का फैसला
एक दिन लंदन में उन्होंने मैराथन का विज्ञापन टीवी पर देखा, जिसने उनके अंदर नया जोश भर दिया। उन्होंने 2000 में पहली बार दौड़ लगाई, जब वे 92 साल के थे।
यह एक असामान्य और प्रेरणादायक फैसला था, जिसने उन्हें दुनिया भर में मशहूर कर दिया।
रिकॉर्ड्स और उपाधियां
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100 वर्ष पार करने के बाद भी मैराथन पूरी करने वाले पहले धावक
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गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में नाम
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दुनियाभर में ‘टर्बन टॉर्नेडो’ के नाम से मशहूर
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लंदन, न्यूयॉर्क, टोरंटो सहित कई शहरों में मैराथन में भागीदारी
उनकी फिटनेस, आत्मबल और अनुशासन हर उम्र के लोगों के लिए प्रेरणा बन गया।
Fauja Singh Death: अंतिम क्षण और श्रद्धांजलि
114 वर्ष की उम्र तक दौड़ना और सक्रिय जीवन जीना अपने आप में एक मिसाल है। फौजा सिंह की मौत से खेल जगत और आम लोगों में गहरा शोक है। सोशल मीडिया पर लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं।
उनकी कहानी यह बताती है कि उम्र कभी भी रुकावट नहीं होती, अगर जज्बा हो तो जिंदगी के किसी भी मोड़ पर नई शुरुआत की जा सकती है।
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