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यमुना सिटी के 6508 आवंटियों को भी मुआवजा देना होगा

यमुना सिटी के 6508 आवंटियों को भी मुआवजा देना होगा

अमर सैनी

नोएडा। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले का यमुना विकास प्राधिकरण (यीडा) क्षेत्र के 6508 आवासीय प्लॉटों के आवंटियों पर भी असर पड़ेगा। प्राधिकरण इन आवंटियों से भी किसानों के 64.7 प्रतिशत मुआवजे की रकम वसूल करेगा। उन्हें भी ब्याज समेत भुगतान करना होगा।
हाईकोर्ट ने किसानों के 64.7 प्रतिशत मुआवजे मामले में यमुना प्राधिकरण के हित में फैसला सुनाया है। फैसले में 13 बिल्डरों समेत 94 संस्थानों की याचिका को खारिज करते हुए उन्हें किसानों के 64.7 प्रतिशत मुआवजे को ब्याज समेत देने के आदेश दिए गए थे। प्राधिकरण के मुताबिक बिल्डरों और शैक्षणिक संस्थाओं को प्राधिकरण में छह हजार करोड़ रुपये जमा करने होंगे। प्राधिकरण ने बकाया वसूल करने के लिए बिल्डरों और संस्थाओं को नक्शे और सीसी पर रोक भी लगा दी है। इस मामले में शुक्रवार को प्राधिकरण के अधिकारियों ने बकायेदारों की गणना की तो यीडा क्षेत्र के 6508 आवासीय प्लॉट के आवंटी भी इसके दायरे में आ गए। हालांकि, उन्हीं आवंटियों को मुआवजे की 64.7 प्रतिशत राशि का ब्याज समेत भुगतान करना होगा, जिन्होंने वर्ष 2009 से 2014 तक यीडा की आवासीय योजनाओं में प्लॉट लिया है और अब तक रजिस्ट्री नहीं कराई है। इस दायरे में सेक्टर-18 और 20 के आवंटी आएंगे।

बता दें कि वर्ष 2014 में कोर्ट ने यह आदेश दिया था कि किसानों को उन्हें दिए गए मुआवजे में 64.7 फीसदी पैसा बढ़ाकर प्राधिकरण देगा और इसकी वसूली वह अपने आवंटियों से कर सकता है। प्राधिकरण ने उस समय विभिन्न बैंकों से 4700 करोड़ का लोन लेकर किसानों को बांटा था। आवंटियों से जब पैसा मांगा तो वह कोर्ट चले गए। यह मामला तभी से लंबित पड़ा था।

आवासीय आवंटियों पर करीब 800 करोड़ बकाया

प्राधिकरण के अनुमान के मुताबिक इन 6508 आवासीय प्लॉटों के आवंटियों पर करीब 800 करोड़ की देनदारी बनती है जिसमें अपने-अपने प्लॉट के हिस्से की जमीन का किसानों को दिया गया 64.7 फीसदी का मुआवजा और उसका ब्याज दोनों ही चुकाना है।

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