Vande Mataram 150 Years: भाजपा शाहदरा जिला में राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष और संविधान दिवस पर भव्य गोष्ठी

Vande Mataram 150 Years: भाजपा शाहदरा जिला में राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष और संविधान दिवस पर भव्य गोष्ठी
रिपोर्ट: रवि डालमिया
नई दिल्ली — भारतीय जनता पार्टी शाहदरा ज़िला द्वारा राष्ट्रीय गीत “वंदे मातरम्” के 150 वर्ष पूर्ण होने और 26 नवंबर 1949 को संविधान अपनाने के उपलक्ष्य में विशेष गोष्ठी एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित कर और सामूहिक रूप से वंदे मातरम् गाने के साथ हुई। इसमें देशभक्ति गीत और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने राष्ट्रभक्ति, सांस्कृतिक गौरव और स्वतंत्रता आंदोलन की मूल भावना को पुनः स्मरण कराया।
भाजपा शाहदरा ज़िला अध्यक्ष दीपक गाबा, भाजपा प्रवक्ता व शाहदरा ज़िला प्रभारी डॉ अनिल गुप्ता, विधायक संजय गोयल, ज़िला उपाध्यक्ष भूषण ठक्कर और सुशील उपाध्याय, भाजपा शाहदरा ज़िला प्रवक्ता एडवोकेट भारत गौड़, पार्षद रेखा रानी, डॉ मोनिका पंत, एडवोकेट कनिष्क खरबंदा, प्रिया कांबोज, बबीता खन्ना सहित सभी 18 मण्डल अध्यक्ष और सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम में भाग लिया। सभी ने राष्ट्रीय गीत और संविधान के प्रचार-प्रसार के लिए सामूहिक रूप से शपथ ली।
भाजपा शाहदरा ज़िला प्रभारी डॉ अनिल गुप्ता ने कहा कि बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित वंदे मातरम् ने स्वतंत्रता संग्राम में देशभक्ति की अलख जगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विशेष व्याख्यान एवं विचार-विमर्श में इतिहासकारों, साहित्यकारों और शिक्षाविदों ने राष्ट्रीय गीत के साहित्यिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व पर चर्चा की। गोष्ठी का उद्देश्य युवा पीढ़ी को राष्ट्रीय गीत की पृष्ठभूमि, उसकी रचनात्मकता और स्वतंत्रता आंदोलन में उसकी भूमिका से परिचित कराना तथा एक भारत–श्रेष्ठ भारत की भावना को सुदृढ़ करना था।
भाजपा शाहदरा ज़िला अध्यक्ष दीपक गाबा ने राष्ट्रीय एकता, सांस्कृतिक विविधता और संवैधानिक मूल्यों को आत्मसात करने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् सिर्फ़ एक गीत नहीं, बल्कि देश की आत्मा से जुड़ी प्रेरणादायक ध्वनि है। इसके 150 वर्ष पूरे होना भारतीय संस्कृति, साहित्य और राष्ट्रभक्ति की अमर यात्रा का प्रतीक है। संविधान दिवस पर उन्होंने कहा कि यह दिन हमें याद दिलाता है कि भारत का संविधान न केवल कानूनी दस्तावेज है, बल्कि यह देश की आत्मा, उसके मूल्य और भविष्य का मार्गदर्शन करने वाला दस्तावेज है। प्रत्येक नागरिक का दायित्व है कि वह संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों का सम्मान करे और अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए राष्ट्र निर्माण में योगदान दे।
शाहदरा से विधायक संजय गोयल ने कहा कि संविधान दिवस हमें महान स्वतंत्रता सेनानियों, संविधान निर्माताओं, तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद और भारत के संविधान के शिल्पकार डॉ भीमराव अंबेडकर को याद करने का अवसर देता है। संविधान का अंगीकरण 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने किया था। यह दिन नागरिकों में मौलिक अधिकारों, कर्तव्यों और संविधान के मूल्यों के प्रति जागरूकता बढ़ाने का अवसर है। यह दिन लोकतांत्रिक परंपराओं, न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दोहराने का प्रतीक है।





