Indian Coast Guard: खोज-बचाव में उत्कृष्ट योगदान के लिए आईसीजी जहाज ‘राजवीर’ को राष्ट्रीय पुरस्कार

Indian Coast Guard: खोज-बचाव में उत्कृष्ट योगदान के लिए आईसीजी जहाज ‘राजवीर’ को राष्ट्रीय पुरस्कार
नई दिल्ली, इंडियन कोस्ट गार्ड (आईसीजी) ने समुद्र में खोज और बचाव कार्यों में असाधारण प्रदर्शन करने वाले जहाजों और संस्थानों को सम्मानित किया। सोमवार को गुजरात के गांधीनगर में आयोजित 23वीं नेशनल मैरीटाइम सर्च एंड रेस्क्यू (एनएमएसएआर) बोर्ड मीटिंग के दौरान यह पुरस्कार प्रदान किए गए। इस बैठक की अध्यक्षता आईसीजी के डायरेक्टर जनरल और एनएमएसएआर बोर्ड के चेयरमैन एस. परमेश (AVSM) ने की।
बैठक में वर्ष 2023-24 के लिए नेशनल सर्च एंड रेस्क्यू पुरस्कारों की घोषणा की गई। पनामा ध्वज वाला जहाज एमवी हे युआन शुन 89 को मर्चेंट वेसल श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया। वहीं, भारतीय मछली पकड़ने वाली नाव ‘केदारनाथ भोले’ को मछली पकड़ने वाली नाव श्रेणी में पुरस्कार मिला। सरकारी स्वामित्व वाली सर्च एंड रेस्क्यू (SAR) यूनिट श्रेणी में आईसीजी जहाज ‘राजवीर’ को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया। इसके अलावा मुंबई पोर्ट अथॉरिटी और जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी को संयुक्त रूप से वेसल ट्रैफिक सिस्टम (VTS) के तहत ‘अशोर यूनिट’ श्रेणी में सम्मान प्रदान किया गया।
इंडियन कोस्ट गार्ड, जो देश के समुद्री क्षेत्रों में सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन की नोडल एजेंसी है, समुद्र में जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करने में अग्रणी भूमिका निभाता है। अपने गठन से अब तक आईसीजी ने 4,203 सर्च एंड रेस्क्यू मिशन संचालित किए हैं, जिनमें 11,805 लोगों की जान बचाई गई और 495 मेडिकल इवैक्यूएशन किए गए। यानी, औसतन हर दूसरे दिन एक व्यक्ति की जान आईसीजी के प्रयासों से बचाई गई है।
वर्ष 2023-24 के दौरान भी आईसीजी ने 119 सर्च एंड रेस्क्यू मिशन संचालित किए, जिनमें 108 लोगों को सुरक्षित बचाया गया और 14 मेडिकल इवैक्यूएशन किए गए। इस उल्लेखनीय उपलब्धि ने आईसीजी को देश और विश्व के समुद्री सुरक्षा ढांचे में एक मजबूत स्तंभ के रूप में स्थापित किया है।
इस बैठक में इंडियन नेवी, इंडियन एयर फोर्स, आईएसआरओ, आईएनसीओआईएस, एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया, और डायरेक्टरेट जनरल ऑफ शिपिंग सहित देश के प्रमुख समुद्री और एविएशन संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सभी प्रतिनिधियों ने सर्च एंड रेस्क्यू मिशनों में समन्वय और तकनीकी सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया ताकि भविष्य में समुद्री हादसों से और अधिक जीवन बचाया जा सके।





